नई दिल्ली:
भारतीय जनमानस में रचे-बसे माखनचोर कन्हैया के नाम को अपना ब्रांड नाम बनाने और उसपर विशेषाधिकार का डेयरी उत्पाद बेचने वाली कोई भी फर्म दावा नहीं कर सकती है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने एक आदेश में कहा कि दूध और अन्य डेयरी उत्पादों के ब्रांड नाम के लिए कोई भी कंपनी भगवान कृष्ण के नाम के उपयोग पर अपने विशेष अधिकार का दावा नहीं कर सकती। न्यायमूर्ति प्रदीप नांद्राजोग और सुनील गौर की पीठ ने डेयरी कंपनी भोले बाबा मिल्क फूड इंडस्ट्रीज लिमिटेड की अपील को खारिज करते हुए यह आदेश दिया। इससे पहले एक न्यायाधीश की पीठ ने कंपनी के डेयरी उत्पादों के लिए कृष्ण शब्द पर विशिष्ट अधिकार के दावे को खारिज कर दिया था जिसके खिलाफ कंपनी ने उक्त अपील की थी। पीठ ने कहा, सभी जानते हैं कि भगवान कृष्ण को बचपन में उनके दूध और मक्खन प्रेम के लिए जाना जाता है और इसलिए भगवान कृष्ण दूध और मक्खन से गहरे जुड़े हैं और इससे अपने डेयरी उत्पादों के साथ कृष्ण नाम जोड़ने का विशिष्ट दावा निश्चित तौर पर कमजोर पड़ जाता है। इससे पहले एकल न्यायाधीश की पीठ ने शहर की पारुल फूड स्पेसियालिटीज को अपने दुग्ध उत्पादों से कृष्ण नाम जोड़ने से रोकने से जुड़ी याचिका खारिज कर दी थी। पीठ ने कहा था कि कई डेयरी कंपनियों ने अपने उत्पादों का नाम कृष्ण पर रखा है और कहा था कि कंपनी का इस शब्द पर दावा उचित नहीं है। अपने ऊंचे बिक्री आंकड़े का हवाला देते हुए भोले बाबा मिल्क फूड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने कहा था कि उसके दुग्ध उत्पादों के सबंध में कृष्ण शब्द ने एक अलग पहचान बना ली है इसलिए उसका इस शब्द पर विशिष्ट अधिकार है। पारुल फूड स्पेशिलिटीज ने हालांकि, इसका विरोध किया और कहा कि कृष्ण एक सामान्य शब्द है और यह भगवान कृष्ण से भी जुड़ा है जिनका मक्खन, दूध और घी से गहरा नाता रहा है, इसलिए कोई भी इसपर अपना एकाधिकार नहीं जता सकता।
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