कोच्चि:
महानगरों और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) शहरों को पछाड़ते हुए केरल की व्यावसायिक राजधानी कोच्चि मोटापे के मामले में सबसे आगे निकल गई है। यहां मोटे लोगों की सर्वाधिक संख्या है।
एसी नेल्सन द्वारा किए गए राष्ट्रीय सर्वेक्षण में यह बात सामने आई। सर्वेक्षण में देश के 11 शहरों को शामिल किया गया।
कोच्चि की लगभग आधी आबादी औसत से अधिक वजन की समस्या से ग्रस्त है। शहर के 46 प्रतिशत लोगों का वजन आदर्श मानक से ज्यादा है। 13 प्रतिशत लोग मोटे हैं और सात प्रतिशत लोग बहुत ज्यादा मोटे हैं।
सर्वेक्षण में बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, दिल्ली, लुधियाना, जयपुर, मुम्बई, कोलकाता, अहमदाबाद और नागपुर को शामिल किया गया।
सनराइज अस्पताल समूह के चिकित्सा निदेशक डॉ. आर पद्मकुमार और अमृता इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के कंसल्टेंट सर्जन ओवी सुधीर ने सर्वेक्षण के परिणाम पेश किए।
पद्मकुमार ने कहा कि सर्वेक्षण का सबसे खतरनाक पहलू यह है कि कोच्चि में आदर्श वजन से अधिक वजन वाले 80 प्रतिशत लोग मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कॉलेस्ट्रोल, अनिद्रा, नपुंसकता और कैंसर जैसी कम से कम एक स्वास्थ्य संबंधी समस्या से ग्रस्त हैं ।
उन्होंने कहा कि शहर में 17 प्रतिशत मोटे लोगों ने अपनी समस्या से निजात पाने के लिए कोई समाधान नहीं ढूंढा है।
सुधीर के अनुसार, कोच्चि में यह समस्या सबसे अधिक इसलिए है, क्योंकि इसमें ज्यादातर नगरीय क्षेत्र हैं, जबकि अन्य शहरों में ग्रामीण आबादी भी अच्छी खासी है।
एसी नेल्सन द्वारा किए गए राष्ट्रीय सर्वेक्षण में यह बात सामने आई। सर्वेक्षण में देश के 11 शहरों को शामिल किया गया।
कोच्चि की लगभग आधी आबादी औसत से अधिक वजन की समस्या से ग्रस्त है। शहर के 46 प्रतिशत लोगों का वजन आदर्श मानक से ज्यादा है। 13 प्रतिशत लोग मोटे हैं और सात प्रतिशत लोग बहुत ज्यादा मोटे हैं।
सर्वेक्षण में बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, दिल्ली, लुधियाना, जयपुर, मुम्बई, कोलकाता, अहमदाबाद और नागपुर को शामिल किया गया।
सनराइज अस्पताल समूह के चिकित्सा निदेशक डॉ. आर पद्मकुमार और अमृता इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के कंसल्टेंट सर्जन ओवी सुधीर ने सर्वेक्षण के परिणाम पेश किए।
पद्मकुमार ने कहा कि सर्वेक्षण का सबसे खतरनाक पहलू यह है कि कोच्चि में आदर्श वजन से अधिक वजन वाले 80 प्रतिशत लोग मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कॉलेस्ट्रोल, अनिद्रा, नपुंसकता और कैंसर जैसी कम से कम एक स्वास्थ्य संबंधी समस्या से ग्रस्त हैं ।
उन्होंने कहा कि शहर में 17 प्रतिशत मोटे लोगों ने अपनी समस्या से निजात पाने के लिए कोई समाधान नहीं ढूंढा है।
सुधीर के अनुसार, कोच्चि में यह समस्या सबसे अधिक इसलिए है, क्योंकि इसमें ज्यादातर नगरीय क्षेत्र हैं, जबकि अन्य शहरों में ग्रामीण आबादी भी अच्छी खासी है।
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