Gobi Manchurian Ban in Goa: गोभी से बनी एक डिश को लेकर इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है, वजह है इस डिश का भारत के एक शहर में बैन होना. गोभी मंचूरियन एक फ्यूजन डिश है, जिसमें आमतौर पर तीखी लाल चटनी में लिपटे फूलगोभी के फूल शामिल होते हैं, ये डिश लंबे समय से लोगों की फेवरेट रही है. हालांकि, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सिंथेटिक रंगों और हाइजीन इशू की वजह से गोवा के एक शहर मापुसा ने स्टालों में इस डिश पर बैन लगा दिया है.
मापुसा नगर परिषद गोभी मंचूरियन पर इस तरह से बैन लगाने वाला पहला नागरिक निकाय नहीं है. 2022 में श्री दामोदर मंदिर में वास्को सप्ताह मेले के दौरान, खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने मोरमुगाओ नगर परिषद को गोबी मंचूरियन बेचने वाले स्टालों को प्रतिबंधित करने के निर्देश जारी किए. इस निर्देश से पहले एफडीए ने इसके सर्कुलेशन को रोकने के लिए ऐसे स्टालों पर छापे मारे थे.
कब हुई गोभी मंचूरियन बनाने की शुरुआत
गोभी मंचूरियन की उत्पत्ति का पता चिकन मंचूरियन से लगाया जा सकता है. मुंबई में चाइनीज कलनरी के पायनियर नेल्सन वांग को 1970 के दशक में क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया में खानपान के दौरान चिकन मंचूरियन का आविष्कार करने का श्रेय दिया जाता है.
कुछ नया बनाने की चुनौती के कारण, नेल्सन वांग ने मसालेदार कॉर्नफ्लोर बैटर में चिकन नगेट्स को डीप फ्राई किया और उन्हें या तो सूखा या सोया सॉस, विनेगर, चीनी और कभी-कभी टमाटर सॉस से बनी तीखी ग्रेवी के साथ बनाया. गोभी मंचूरियन इस डिश का वेजिटेरियन वर्जन है.
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