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This Article is From Oct 14, 2023

एक शहर जिसे कहा जा रहा 'भूतहा', जहां गहरी नींद सो रही 20 हजार से ज्यादा जिंदगियों को लील गई थी मौत

कहते हैं प्राकृतिक आपदाएं जब भी आती हैं, अपने साथ भयंकर तबाही लाती है, लेकिन इस तबाही से मौत का सैलाब उमड़ पड़ा था. जानिए एक शहर के बारे में, जिसे अब लोग 'भूतहा' कहते हैं.

एक शहर जिसे कहा जा रहा 'भूतहा', जहां गहरी नींद सो रही 20 हजार से ज्यादा जिंदगियों को लील गई थी मौत

Armero Tragedy: दुनियाभर में ऐसी कई जगहें हैं, जो नेचुरल डिजास्टर्स के चलते भयंकर तबाही की शिकार हो चुकी हैं. आपने ऐसे कई नेचुरल डिजास्टर्स के बारे में पढ़ा और सुना तो होगा ही, जिनकी रूह कंपा देने वाली तबाही के चर्चे आज भी लोगों के जहन में है. ऐसी ही एक जगह है कोलंबिया के टोलिमा में, जहां एक विनाशकारी ज्वालामुखी विस्फोट ने आधी रात में ऐसी तबाही मचाई, जिससे कोई न बच सका. इस ज्वालामुखी विस्फोट ने एक झटके में ही सब कुछ तबाह कर दिया, कई जिंदगियां लील लीं. मौत का तांडव मचाने वाले इस विनाशकारी ज्वालामुखी विस्फोट (armero tragedy deaths) की तबाही को अब लोग अरमेरो ट्रेजडी (what caused the armero tragedy) के नाम से जानते हैं, जो बेहद भयभीत कर देने वाला खौफनाक मंजर था.

जानिए कब हुई थी यह घटना

द सन की रिपोर्ट के अनुसार, कोलंबिया के टोलिमा में यह तबाही 13 नवंबर 1985 को हुई थी. उस समय नेवाडो डेल रुइज ज्वालामुखी (what caused the nevado del ruiz eruption in 1985) 69 सालों तक निष्क्रिय रहने के बाद अचानक एक दिन फट पड़ी, जिसने कई इलाकों को बुरी तरह तबाह कर दिया. तबाही के बीच पिघले हुए लावा की बौछारों ने पहाड़ से ग्लेशियर पिघला दिए, जो भूस्खलन (Destructive Volcanic Explosion) का कारण बना, जिससे लावा, पानी और मिट्टी ने मिलकर कीचड़ का रूप धारण कर तेज रफ्तार में पूरे अरमेरो शहर (armero before and after) को अपनी गिरफ्त में ले लिया. 

कीचड़ में डूब गया था 85 फीसदी शहर

बताया जा रहा है कि, इस तबाही ने लगभग 29,000 निवासियों में से 20,000 से अधिक लोगों को मौत की नींद सुला दिया. कहते हैं प्राकृतिक आपदाएं जब भी आती हैं, अपने साथ भयंकर तबाही लाती है, लेकिन इस तबाही से मौत का सैलाब (Armero- Ghost City in Colombia) उमड़ पड़ा था. ये 1500 के बाद से दर्ज की गई दुनिया की चौथी सबसे घातक ज्वालामुखी विस्फोट की घटना मानी जाती है. बताया जा रहा है कि, विस्फोट के बारह घंटे बाद जब राहतकर्मी कस्बे में पहुंचे. तब तक गंभीर रूप से घायल लोग दम तोड़ चुके थे. यह बेहद डरावना (Armero Ghost town) मंजर था, जब पूरा शहर लाशों और कीचड़ से अटा पड़ा था. कहा जा रहा है कि, उस वक्त 85 प्रतिशत हिस्सा कीचड़ से बुरी तरह सन चुका था. इस बीच कुछ जिंदगियां उम्मीद लगाए राहतकर्मियों की राह देख रही थी, लेकिन उन्हें भी काफी कोशिशों के बाद भी बचाया न जा सका. इस तबाही को 13 शहर और गांव को पूरे तरह बर्बाद करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है.

यहां देखें पोस्ट

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर इस जगह की तस्वीरें और जानकारी natgeotravel नाम के अकाउंट से शेयर की गई है, जिसके कैप्शन में लिखा है, 'तस्वीरें @juancristobalcobo/13 नवंबर, 1985 की रात को ज्वालामुखी विस्फोट और उसके बाद हुए हिमस्खलन से कोलंबिया का 'भुतहा' शहर (Ghost City in Colombia) अर्मेरो तबाह हो गया था. #armero #colombia #juancristobalcobo #shotonfilm' बताया जा रहा है कि, इस भयानक हादसे में जिंदा बचे लोगों को गुआयाबल और लेरिडा शहरों में बसा दिया गया, जिसके बाद जैसे अरमेरो एक 'भूतिया' शहर में तब्दील हो गया. 

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