औपनिवेशिक नाम को छोड़ते हुए बैंगलोर का नाम अब बेंगलुरु हो गया है। राज्य के स्थापना दिवस 'कर्नाटक राज्योत्सव' पर इसको नया नाम दिया गया है।
इसी के साथ राज्य सरकार ने अंग्रेजों के जमाने के नाम को परिवर्तित करते हुए कर्नाटक के 11 अन्य शहरों को भी नया नाम दिया है। बदलावों को प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकार ने विशेष गजट अधिसूचना जारी की, जिसके बाद नए नाम प्रभाव में आ गए हैं, जो स्थानीय संस्कृति से मिलते-जुलते हैं।
बैंगलोर का नाम अब बेंगलुरु, मंगलोर का नाम मंगलुरु, मैसूर का नाम मैसूरु, बेल्लारी का नाम बल्लारी, बेलगाम का नाम बेलगावी, हुबली का नाम हुब्बली, तुमकुर का तुमाकुरु, बीजापुर का विजयपुरा, चिकमगलूर का चिकामगलुरु, गुलबर्ग का कालाबुरागी, होसपेट का होसापेटे और शिमोगा का शिवामोगा हो गया है।
नौवीं सदी में बैंगलोर को बेंगावल उरू कहा जाता था। 12वीं सदी में यह बेंदा कालू उरू हो गया। एक अप्रामाणिक तथ्य के मुताबिक 12वीं सदी के होयसाला राजा वीरा बल्लाला द्वितीय एक जंगल में शिकार करने के दौरान गुम हो गए। एक गरीब महिला ने थके हुए राजा को उबली हुई फलियां खाने को दीं, जिन्होंने आभार के रूप में उस जगह का नाम 'बेंदा कालू उरू' नाम दिया।
पूर्ववर्ती विजयनगर साम्राज्य के तहत केम्पेगौड़ा को बेंगलुरु का संस्थापक माना जाता है। 16वीं सदी के प्रारंभ में उन्होंने बेंदाकालुरू को अपनी राजधानी के रूप में चुना, जो बदलकर बेंगलुरु हो गया और औपनिवेशिक काल में ब्रिटिश राज के दौरान यह बैंगलोर बन गया।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं