New Delhi:
पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्यवृद्धि को लेकर महंगाई और सरकारी खजाने पर दबाव के दोतरफा सवालों से घिरे पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी ने कहा कि वह अर्थशास्त्र और लोकप्रियता के बीच सैंडविच बन गए हैं। डीजल और रसोई गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने से आम जनता पर महंगाई का बोझ बढने के सवाल पर रेड्डी ने अपनी यह मजबूरी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अर्थशास्त्री कहते हैं कि पेट्रोल, डीजल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार की मूल्यवृद्धि के अनुरूप घटने-बढ़ने चाहिए, जबकि आम जनता में लोकप्रियता चाहने वाले कहते हैं कि दाम नहीं बढ़ने चाहिए। ऐसे में वह दोनों के बीच सैंडविच बन गए हैं। रेड्डी ने एक मौके पर संवाददाताओं को भी टोका कि वह मूल्यवृद्धि पर दोतरफा सवाल नहीं पूछें। तेल कंपनियों के नुकसान को कम करने के लिए सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क में भी कटौती की गई है। पत्रकार जानना चाह रहे थे कि राजस्व उगाही के बजट अनुमान कैसे पूरे होंगे। दूसरी तरफ डीजल और रसोई गैस की मूल्यवृद्धि से जनता पर पड़ने वाले बोझ को लेकर भी सवाल किए जा रहे थे।
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