अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हेल्थ बास्केट (Health Basket) ने यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया है.
नई दिल्ली:
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International women's day 2017) पर दुनिया भर में न जाने कितने सेमिनार और कार्यक्रम आयोजित होते हैं. यहां लोग महिलाओं के उत्थान के लिए बड़ी-बड़ी योजनाओं के बारे में बातें करते हैं. इन जगहों पर की जाने वाली ज्यादातर बातों को लोग अगले दिन भूल जाते हैं. ऐसे में हम आपका ध्यान रोजमर्रा की उन आदतों पर दिलाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें आप थोड़ा बदलाव करें तो शायद किसी महिला के लिए उससे बड़ा सम्मान कुछ नहीं होगा. पुरुष जाने-अनजाने घर-परिवार की महिलाओं को उनकी इच्छाएं दबाने को मजबूर करते हैं. उनके इमोशन को दरकिनार कर लोग अपने काम में व्यस्त रहते हैं. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हेल्थ बास्केट (Health Basket) ने यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया है, जिसमें पुरुषों की उन आदतों को दिखाया गया है, जिनकी वजह से महिलाओं को दुख तो होती है, पर वो कुछ कहती नहीं हैं. इस वीडियो को वाट्सऐप पर काफी फॉरवर्ड शेयर किया जा रहा है.
वीडियो के पहले सीन में दिखाया गया है कि रविवार की सुबह होती है. पति सो रहा होता है, तभी पत्नी चाय लेकर आती है. चाय देने के साथ पत्नी याद दिलाती है कि आज रविवार है. पत्नी चेहरे पर साफ तौर से झलक रहा है कि उसका पति रोज सुबह तैयार होकर ऑफिस चला जाता है, लेकिन रविवार को कम से कम उसके साथ वक्त बिताए. अपने इच्छा को जताने के लिए पत्नी चाय देते हुए कहती है आज रविवार है. पति चाय पीकर दोबारा सो जाता है. पत्नी उदास होकर वहां से चली जाती है.
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वीडियो के अगले सीन में पत्नी पति को खाना परोसकर खिला रही होती है. पत्नी का चेहरा देखकर लग रहा है कि वह चाहती है कि पति उससे बातें करें, भले ही वह खाने के बारे में ही क्यों न हो. लेकिन पति खाना खाने के दौरान टीवी पर मैच देखने में मशगूल होता है.
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वीडियो के अगले सीन में पत्नी पेंटिंग बना रही होती है. पति फोन पर बातें करते हुए आता है. पत्नी को लगता है कि शायद वो उसकी पेंटिंग के बारे में कुछ कहेगा, लेकिन वह आगे चला जाता है. एक सीन में पति-पत्नी थिएटर में बैठकर फिल्म देख रहे होते हैं. पत्नी चाहती है कि इस पल में उसका पति उसके साथ हो, लेकिन पति मोबाइल पर शायद दोस्तों से या ऑफिस के काम में व्यवस्त दिखता है.
इसी तरह वीडियो में दिखाया गया है प्राय: ऐसा होता है कि हम छत पर कसरत या कोई दूसरा काम कर रहे होते हैं, तभी पत्नी या मां धुले हुए कपड़े लेकर उसे सुखाने के लिए आती है. हम अपने काम में लगे होते हैं, उनकी ओर बिल्कुल ही हमारा ध्यान नहीं जाता है. अगर हम उनके साथ धुले हुए कपड़े फैलाएं तो शायद उन्हें खुशी मिले.
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अक्सर ऐसा होता है कि हम घर में किसी पार्टी या कार्यक्रम में जाने का प्रोग्राम बना लेते हैं और ऑफिस के काम की वजह से उसे टाल देते हैं. इतना ही नहीं, ऑफिस में अगर पत्नी का फोन आए तो उसे बार-बार काट देते हैं. जब कभी वो बीमार होती है तो लड़के बेधड़क कह देते हैं कि मैं बाहर खा लूंगा.
हमारे रोजमर्रा की इन्हीं आदतों की ओर हमारा ध्यान दिलाने के लिए इस वीडियो को बनाया गया है. इस वीडियो के जरिए पुरुषों को यह याद दिलाने की कोशिश की गई है कि औरतें जब घर का काम करती हैं तो उसपर कभी भी किसी का ध्यान नहीं जाता है. हम ऑफिस जाने को या दूसरे कारोबार करने को ही काम समझते हैं. महिलाएं खाना बनाने, पकड़े धुलने, बच्चों की देखभाल करने, मां-पिता की सेवा करने जैसे घर के सारे काम करती हैं, लेकिन पुरुष जाने अनजाने उन्हें थोड़ा वक्त भी नहीं दे पाते हैं.
वीडियो के पहले सीन में दिखाया गया है कि रविवार की सुबह होती है. पति सो रहा होता है, तभी पत्नी चाय लेकर आती है. चाय देने के साथ पत्नी याद दिलाती है कि आज रविवार है. पत्नी चेहरे पर साफ तौर से झलक रहा है कि उसका पति रोज सुबह तैयार होकर ऑफिस चला जाता है, लेकिन रविवार को कम से कम उसके साथ वक्त बिताए. अपने इच्छा को जताने के लिए पत्नी चाय देते हुए कहती है आज रविवार है. पति चाय पीकर दोबारा सो जाता है. पत्नी उदास होकर वहां से चली जाती है.
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वीडियो के अगले सीन में पत्नी पति को खाना परोसकर खिला रही होती है. पत्नी का चेहरा देखकर लग रहा है कि वह चाहती है कि पति उससे बातें करें, भले ही वह खाने के बारे में ही क्यों न हो. लेकिन पति खाना खाने के दौरान टीवी पर मैच देखने में मशगूल होता है.
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वीडियो के अगले सीन में पत्नी पेंटिंग बना रही होती है. पति फोन पर बातें करते हुए आता है. पत्नी को लगता है कि शायद वो उसकी पेंटिंग के बारे में कुछ कहेगा, लेकिन वह आगे चला जाता है. एक सीन में पति-पत्नी थिएटर में बैठकर फिल्म देख रहे होते हैं. पत्नी चाहती है कि इस पल में उसका पति उसके साथ हो, लेकिन पति मोबाइल पर शायद दोस्तों से या ऑफिस के काम में व्यवस्त दिखता है.
इसी तरह वीडियो में दिखाया गया है प्राय: ऐसा होता है कि हम छत पर कसरत या कोई दूसरा काम कर रहे होते हैं, तभी पत्नी या मां धुले हुए कपड़े लेकर उसे सुखाने के लिए आती है. हम अपने काम में लगे होते हैं, उनकी ओर बिल्कुल ही हमारा ध्यान नहीं जाता है. अगर हम उनके साथ धुले हुए कपड़े फैलाएं तो शायद उन्हें खुशी मिले.
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हमारे रोजमर्रा की इन्हीं आदतों की ओर हमारा ध्यान दिलाने के लिए इस वीडियो को बनाया गया है. इस वीडियो के जरिए पुरुषों को यह याद दिलाने की कोशिश की गई है कि औरतें जब घर का काम करती हैं तो उसपर कभी भी किसी का ध्यान नहीं जाता है. हम ऑफिस जाने को या दूसरे कारोबार करने को ही काम समझते हैं. महिलाएं खाना बनाने, पकड़े धुलने, बच्चों की देखभाल करने, मां-पिता की सेवा करने जैसे घर के सारे काम करती हैं, लेकिन पुरुष जाने अनजाने उन्हें थोड़ा वक्त भी नहीं दे पाते हैं.
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