क्या आप जानते हैं तीन बार बिक चुका है ताजमहल, पढ़ें ऐसी ही रोचक बातें

क्या आप जानते हैं तीन बार बिक चुका है ताजमहल, पढ़ें ऐसी ही रोचक बातें

नटवरलाल नाम के ठग ने ताजमहल को तीन बार बेचा था.

खास बातें

  • दुनिया के सात अजूबों में शामिल नहीं है ताजमहल.
  • कारीगर ने जानबूझकर की गलतियां ताकि दोषरहित न रह सके ताजमहल.
  • नटवरलाल नाम के ठग ने तीन बार बेचा था ताजमहल.
नई दिल्ली:

प्यार की निशानी के रूप में प्रसिद्ध ताजमहल का निर्माण मुगल शासक शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में करवाया था. ताजमहल भारत की शान है जिसे देखने दुनियाभर से सैलानी आगरा पहुंचते हैं. ताज का इतिहास, ताज की कहानी, यह कितने सालों में बना यह तो हम सभी जानते हैं लेकिन इससे कई रोचक बातें भी जुड़ी हैं जिन्हें बहुत कम लोग जानते हैं.

ताज में हैं ये खामियां
कहानियों के अनुसार शाहजहां एक ऐसी इमारत बनाना चाहते थे जिसमें कोई गलती न हो. लेकिन मुमताज महल की मजार के ठीक ऊपर छत पर एक छेद है. कहा जाता है कि एक शाहजहां द्वारा मजदूरों के हाथ काटने की बात सुन एक कारीगर ने जानबूझकर यह छेद किया ताकि ताज दोषहीन न रह सके. इसी तरह ताज की दीवारों पर बने 11 नक्काशीदार पिल्लरों में से एक का आकार गोल है जबकि अन्य में तिकोनी कटिंग का डिज़ाइन है.

नौ साल पहले सात अजूबों में शामिल हुआ ताज
हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है. लेकिन ऐसा नहीं हैं. ताजमहल को नौ साल पहले यानी जुलाई, 2007 में ही दुनिया के सात नए आश्चर्यों में शामिल किया गया है. साल 2000 से 2007 के बीच स्विटज़रलैंड के न्यू सेवन वंडर्स फाउंडेशन द्वारा दुनिया के 200 ऐतिहासिक इमारतों को लेकर सर्वे कराया गया. इस सर्वे के नतीजों के आधार पर साल 2007 में ताजमहल को दुनिया के सात नए अजूबों में शामिल किया गया. इस सूची में गीज़ा के पिरामिड को सम्माननीय सदस्य का दर्जा दिया गया. हालांकि इस सर्वे को यूनेस्को ने समर्थन नहीं दिया था.

यमुना नहीं होती तो ताज नहीं होता
कहा जाता है कि ताजमहल की नींव आबनूस और महोगनी की लकड़ियों से रखी गई है जिन्हें मजबूत बने रहने के लिए नमी की आवश्यकता होती है. ताजमहल के नींव में 50 कुएं भी हैं जिन्हें ताजमहल के पास से गुजरने वाली यमुना नदी से पानी मिलता है. इससे नींव की लकड़ियों को नमी मिलती है. इसलिए कहा जाता है कि यमुना की वजह से ही ताजमहल इतनी मजबूती से खड़ा हुआ है.

तीन बार बिका ताजमहल!
बिहार के सीवान के रहने वाले ठग नटवरलाल ने ताजमहल को तीन बार बेचा था. उसने लाल किले को दो बार और एक बार राष्ट्रपति भवन को भी बेच दिया था. नटवरलाल का असली नाम मिथलेश कुमार श्रीवास्तव था, वह ठगी के 100 से अधिक मामलों में आरोपी था और आठ राज्यों की पुलिस उसके पीछे लगी थी. अलग-अलग मामलों में उसे 100 साल से अधिक की सजा हुई थी. भारत के सबसे बड़े ठग के रूप में चर्चित नटवरलाल को आखिरी बार 1996 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर देखा गया था, तब वह तीन पुलिसवालों को चकमा देकर भागने में सफल हुआ था.

ताजमहल की नकल से बने और ताजमहल
कहा जाता है कि ताजमहल जैसी इमारत दोबारा न बने इसलिए इसके निर्माण के बाद शाहजहां ने कारीगरों के हाथ काट दिए थे. हालांकि भारत और विदेशों में भी ताजमहल से मिलती जुलती कई इमारतें बनी हैं. महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित बीबी का मकबरा 'मिनी ताज' के रूप में प्रसिद्ध है. दुबई में 'ताज अरेबिया' का निर्माण हो रहा है, जिसे एक वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर डेवलप किया जा रहा है. इसके 2018 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है. इसके अलावा न्यूजर्सी के अटलांटिक सिटी में ट्रम्प ताजमहल नाम का कसीनो और होटल है जो बेहद प्रसिद्ध है. उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में भी एक मजदूर अपनी बीवी की याद में ताजमहल का निर्माण कर रहा है. हालांकि पैसों की कमी के कारण यह अभी पूरा नहीं बन पाया है. 


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