
इंडोनेशिया (Indonesia) के दक्षिण-मध्य में स्थित माउंट लेवोटोबी लाकी-लाकी (Mount Lewotobi Laki-Laki) ज्वालामुखी (Volcano) में बीते मंगलवार (17 जून) की शाम को जबरदस्त विस्फोट हुआ, जिससे आसमान में 10 किलोमीटर की ऊंचाई तक राख का गुबार फैल गया. ज्वालामुखी विज्ञान एजेंसी (Volcanic Science Agency) ने इस धमाके के बाद ज्वालामुखी के लिए सबसे खतरनाक चेतावनी स्तर ( Maximum Alert) जारी कर दिया है. इस बाबत देश की भूविज्ञान एजेंसी ने भी एक बयान जारी किया है. अपने बयान में एजेंसी ने कहा है इस ज्वालामुखी विस्फोट में आसमान में 10 हजार मीटर की ऊंचाई तक बने राख के गुबार को रिकॉर्ड किया है. हालांकि, एजेंसी ने यह भी बताया कि इसमें किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है.
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इंडोनेशिया में फटा ज्वालामुखी (Indonesia's Mount Lewotobi volcano)
एजेंसी ने सबसे चौंकाने वाली बात यह बताई है कि राख के इस गुबार को 90 से 150 किमी दूर से भी देखा जा सकता था. इसी के चलते देश में भारी बारिश से अलर्ट रहने की चेतावनी दी है, क्योंकि ज्वालामुखी के फटने से निकला लावा नदी में जाकर गिर सकता है. ऐसे में नागरिक और पर्यटकों को ज्लावामुखी के क्रेटर से कम से कम 7 किमी की दूरी बनाकर रखने की सलाह दी है. पिछली बार यह घटना बीते मई महीने में हुई थी. इससे भी पहले नवंबर (2023) में माउंट लेवोटोबी लाकी लाकी के विस्फोट में नौ लोगों ने अपनी जान गंवाई थी और दर्जनों लोग घायल हुए थे.
माउंट लेवोटोबी लाकी-लाकी के बारे में (Mount Lewotobi volcano Video)
लेवोटोबी लाकी-लाकी इंडोनेशिया में फ्लोरेस द्वीप पर स्थित 1,585 मीटर ऊंचा ज्वालामुखी है. यह ज्वालामुखी जुड़वां है, जिसमें दूसरा लेवोटोबी पेरंपुआन है, जो इससे भी ऊंचा है और अधिकतर शांत रहता है. जब इंडोनेशिया के स्थानीय समयानुसार शाम 5.35 बजे यह ज्वालामुखी फटा तो आसमान में संतरी रंग के मशरूम जैसे गुबार बनने लगे थे. ज्वालामुखी एजेंसी ने इस चौंकाने वाले नजारे की तस्वीरें भी जारी की हैं. इस क्षेत्र के इतना सक्रिय होने की वजह यह है कि यह इंडोनेशिया का वो क्षेत्र है, जहां भूगर्भीय प्लेट्स में सबसे ज्यादा हलचल होती है. इसलिए यहां समय-समय पर फटने वाला ज्वालामुखी और भूकंप आना आम बात हो चुकी है.
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