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This Article is From Nov 25, 2017

घर में शौचालय नहीं तो स्कूल नहीं जाऊंगी!... और फिर पिता को पूरी करनी पड़ी बेटी की जिद

यवतमाल में स्कूल के स्वच्छता अभियान में पूछे गए एक सवाल से आहत नौ साल की श्वेता ने जिद करके बनवाया घर में शौचालय

घर में शौचालय नहीं तो स्कूल नहीं जाऊंगी!... और फिर पिता को पूरी करनी पड़ी बेटी की जिद
यवतमाल जिले में एक स्कूल छात्रा ने जिद करके पिता से घर में टायलेट बनवाया.
मुंबई: जहां सोच वहां शौचालय ... स्वच्छता अभियान के विज्ञापन वाले इस वाक्य को यवतमाल में चौथी क्लास में पढ़ने वाली एक छोटी बच्ची ने चरितार्थ कर दिखाया है. स्कूल के स्वच्छता अभियान में पूछे गए एक सवाल ने उसे इतना आहात किया कि उसने पिता से कह दिया कि जब तक घर में शौचालय नहीं बनेगा वो स्कूल नहीं जाएगी. मजबूरन पिता को शौचालय बनवाना पड़ा. अब श्वेता न सिर्फ वापस स्कूल जाने लगी है बल्कि जिले में स्वच्छता अभियान का चेहरा बनकर सामने आई है.

10  साल की श्वेता रंगारी  यवतमाल के जिला परिषद के स्कूल में कक्षा चौथी की छात्रा है. स्कूल में स्वच्छता अभियान के तहत सभी बच्चों से कुछ सवालों के जवाब पूछे गए थे... इनमें हाथ धोने से लेकर, उबला पानी पीने और शौचालय में जाने जैसे सवाल शामिल थे. श्वेता ने शौचालय के इस्तेमाल वाला कॉलम खाली रखा था. स्कूल के शिक्षक भूषण तम्बाखे के मुताबिक जब उन्होंने इसकी वजह पूछी तो श्वेता ने बताया कि उसके घर में शौचालय नहीं है. मास्टरजी के मुताबिक इसके बाद अचानक श्वेता ने तीन दिन की छुट्टी मांगी.

VIDEO : पहले शौचालय, फिर देवालय


श्वेता स्कूल से तो छुट्टी लेकर गई लेकिन घर में पिता को बताया कि जब तक अपना शौचालय नहीं होगा, वह स्कूल नहीं जाएगी. स्कूल के शिक्षकों ने भी उसे समझाने की कोशिश की लेकिन उसने एक न सुनी. मजबूरन पिता को शौचालय बनवाना ही पड़ा. यवतमाल के छोटे से गॉंव इंद्रठांण में रहने वाले गरीब पिता के लिए तकरीबन 10 हजार रुपये खर्च कर शौचालय बनवाना आसान नहीं था लेकिन बेटी की पढ़ाई न छूटे इसलिए उन्होंने कर्ज लेकर आदर्श पिता का फर्ज निभाया.
(यवतमाल से प्रसाद नायगावकर का इनपुट)

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