सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे पति की ‘पढ़ाई' से परेशान होकर उसकी पत्नी गुस्से में मायके चली गई और तीन महीने से वहीं है, जिसके बाद नौबत तलाक तक पहुंच गई है. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सलाहकार नूरननिसां खान ने बताया, ‘‘हम एक नव दम्पत्ति की काउंसलिंग कर रहे हैं. इसमें पति द्वारा परिवार न्यायालय में तलाक के लिये आवेदन दिया गया था. अदालत ने शादी बचाने के प्रयास के चलते काउंसलिंग के लिये मामला हमें सौंपा है.”
खान ने कहा कि महाराष्ट्र की रहने वाली महिला की शादी वर्ष 2018 में हुई और वह केवल तीन महीने ही अपने पति के साथ यहां रही. महिला ने बताया कि उसका पति खुद को पढ़ाई तक ही सीमित रखते हैं और एक साथ रहने के दौरान भी उसके प्रति उदासीन रहते थे.
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खान ने बताया कि काउंसलिंग के दौरान महिला ने कहा कि वह पति से अपनी अनदेखी महसूस कर रही थी क्योंकि उसका पति हर वक्त यूपीएससी और राज्य पीएससी की तैयारी के लिए पढ़ाई में लगा रहता था. महिला का पति पीएचडी धारक है और एक कोचिंग क्लास भी चलाते हैं. खान ने कहा कि पति परिवार में इकलौता बेटा है तथा उसके माता-पिता में से एक बीमार था इसलिये उसने जल्दी में शादी कर ली थी.
उन्होंने बताया कि पति के साथ तीन महीने रहने के बाद महिला अपने माता-पिता के पास वापस चली गई. पति ने कहा कि उसकी पत्नी अपने माता पिता के घर वापस चली गया. उसके बाद उन दोनों के बीच कोई संपर्क नहीं था क्योंकि पत्नी वापस आने के लिए तैयार नहीं थी. रिश्तेदारों और अन्य लोगों द्वारा की गई मध्यस्थता विफल होने के बाद अंतत: उसने तलाक याचिका दायर की.
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खान ने कहा कि मामले की सुनवाई के लिये अदालत में जाने से पहले इस जोड़े के चार परामर्श सत्र किये जाएंगे. उन्होंने कहा कि हम इस जोड़े की शादी बचाने के लिये एक फिर काउंसलिंग करेगें.
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