गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर पूरे देश में गणपति बप्पा की झांकियां चर्चाओं में रहती है. ये दिन शुरू होते हैं और गणपति पंडालों की चर्चा शुरू हो जाती है. जिसमें सबसे पहला नाम आता है लालबागचा राजा का. लाल बाग के राजा की विशाल प्रतिमा को देखने के लिए भक्त जनसैलाब के रूप में उमड़ते हैं. विक्कीपीडिया के पेज ने इसे सार्वजनिक पंडाल बताया है. जहां हर साल सिर्फ गणेश चतुर्थी के ही दस दिनों में 1.5 मिलियन से ज्यादा लोग पहुंचते हैं. लेकिन ये सार्वजनिक पंडाल क्या वाकई सार्वजनिक है. एक नामी बिजनेसमैन ने इस पंडाल पर बढ़ रहे वीआईपी कल्चर पर पोस्ट शेयर किया है. जिसके बाद ये सवाल उठ रहे हैं.
लाइन में लगे भक्त
भारत के मशहूर उद्योगपति और आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका (Harsh Goenka) ने लाल बागचा राजा का एक वीडियो शेयर किया है और सवाल किया है कि क्या आपने कभी सोचा कि लोग लालबागचा राजा पर वीआईपी कल्चर से आना क्यों चुनते हैं. ट्वीट पर शेयर किए वीडियो के साथ हर्ष गोयनका ने आगे लिखा कि आम भक्तों को लंबी कतारों में लगना पड़ता है और भीड़ में खड़े रहना पड़ता है. जो यहां अनइक्वल ट्रीटमेंट को भी दर्शाता है. फिर उन्होंने सवाल किया कि क्या भक्ति के मामले में सब बराबर नहीं हैं. इस वीडियो में आप देख सकते हैं जरा सा गेट खुलता है और लोग दर्शन के लिए अंदर जाने की मारा मारी करने लगते हैं. वहां मौजूद लोग उन्हें रोकने के लिए गेट धकेलते हैं. ऐसे में कुछ लोगों को चोट भी लगती है.
देखें Video:
Ever wondered why people opt for VIP darshan at Lalbaugcha Raja? It's because the common devotee often faces long waits and crowds, highlighting the unequal treatment. Isn't faith supposed to be equal for all? pic.twitter.com/kCAhpcDq25
— Harsh Goenka (@hvgoenka) September 12, 2024
वीआईपी पंडाल डिक्लेयर करें
इस पोस्ट के बाद कुछ यूजर्स ने हर्ष गोयनका के विचारों पर सहमति जताई है. उन्होंने कहा कि इस पंडाल को वीआईपी पंडाल डिक्लेयर कर दिया जाना चाहिए. एक अन्य यूजर ने लिखा कि इसी वजह से वो कभी लाल बागचा राजा के दर्शन करने ही नहीं गया. एक यूजर ने लिखा कि आम लोगों को दर्शन भी मुश्किल से होते हैं जबकि वीआईपी लोग वहां आराम से खड़े होकर फोटो खिंचवा सकते हैं.
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