वडोदरा के एक गाइनेकोलॉजिस्ट (Vadodara Gynaecologist) ने यह खुलासा करके ऑनलाइन चर्चा छेड़ दी कि उन्होंने 30 साल की एक गर्भवती महिला (Pregnant Patient) का इलाज करने से इनकार कर दिया था, जिसने कुछ जरूरी टेस्ट कराने से इनकार कर दिया था. डॉक्टर ने ऑनलाइन पोस्ट शेयर करते हुए इस बात पर जोर दिया कि जब वो मरीज़ के ट्रीटमेंट प्लान्स को डिक्टेट करने की कोशिश करते हैं तो डॉक्टर देखभाल से इनकार कर सकते हैं.
‘डॉक्टरों को भी है ये अधिकार'
डॉ. राजेश पारिख ने एक्स पर लिखा, ‘जिस तरह मरीजों को अपने डॉक्टर चुनने का अधिकार है, उसी तरह डॉक्टरों को भी आपात स्थिति को छोड़कर इलाज से इनकार करने का अधिकार है." बाद के एक ट्वीट में, उन्होंने शेयर किया कि उन्होंने एक मरीज को मना कर दिया क्योंकि वह कुछ जरूरी टेस्ट से गुजरने के लिए तैयार नहीं थी.
डाक्टर ने लिखा, ‘मैंने 30 साल की एक गर्भवती मरीज को मना कर दिया, जिसने मेडिकल एडवाइज को नजरअंदाज करते हुए, नॉन मेडिकल मित्रों की सलाह के आधार पर एनटी स्कैन और डबल मार्कर टेस्ट (सामान्य क्रोमोसोमल दोषों को दूर करने के लिए अहम) से इनकार कर दिया. उसे समझाने की व्यर्थ कोशिशों के बाद, मैंने उसे एक डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जो उसकी गलतफहमियों को दूर कर दे.'
उन्होंने आगे कहा, "एक डॉक्टर के रूप में और खास तौर से एक Gynaecologist के रूप में, कभी भी रोगी को उपचार/प्रबंधन निर्धारित न करने दें. अदालत में परिणाम आपको भुगतने होंगे, उन्हें नहीं." डॉ. पारिख ने आगे कहा, "बस साफ़-साफ़ ना कह दें और किसी अन्य देखभालकर्ता की तलाश करने के लिए कहें."
पोस्ट यहां देखें:
Just as patients have a right to choose their doctors, doctors have the right to refuse treatment, except in emergencies. I turned away a pregnant patient in her 30s who, ignoring medical advice, refused an NT scan and double marker test (crucial to rule out common chromosomal…
— ???????????????????????? ???????????????????????? (@imacuriosguy) April 22, 2024
एक्स पर पोस्ट किए जाने के बाद से, पोस्ट को 48,000 से अधिक बार देखा गया है और इंटरनेट पर इसे लेकर ढेरों कमेंट्स भी आए हैं. एक यूजर ने लिखा, "मुझे लगता है कि आपको उसे बताना चाहिए था कि आपको इन परीक्षणों को करने वाले क्लीनिकों से कमीशन नहीं मिलता है. कई बार मरीजों को लगता है कि डॉक्टर केवल टेस्ट लिखते हैं क्योंकि उन्हें रिश्वत मिलती है." दूसरे यूजर ने लिखा, "डबल मार्कर टेस्ट काफी महंगा है और लोगों की धारणा है कि डॉक्टर मोटा कमीशन कमाने के लिए इसे लागू करते हैं. मैं मरीज़ को पूरी तरह दोष नहीं दूंगा.' एक अन्य यूजर ने एक्स पर लिखा, ''वह चिकित्सा उद्योग में विश्वास की कमी के लिए जिम्मेदार नहीं है.''
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