एक शादी ऐसी भी...जहां शादी के दूल्हा बारात लेकर नहीं पहुंचा तो दुल्हन अपनी मां के साथ उसके घर पहुंच गई और वहां पर धरना देने बैठ गई. पुलिस ने बताया, कि 25 वर्षीय एक महिला ओडिशा के बरहामपुर के ब्रम्हा नगर में अपने दूल्हे के घर के सामने मंगलवार से दो दिन तक दुल्हन के जोड़े में धरने पर बैठी रही. शादी सोमवार को होनी थी. पुलिस ने क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए सीआरपीसी की धारा 107 लागू कर दी है और कार्यकारी मजिस्ट्रेट, बरहामपुर ने उसे शाम 4.30 बजे अपनी अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया है. लेकिन, जब आखिरी बार रिपोर्ट आई तब तक शाम 6 बजे तक महिला ने ऐसा नहीं किया था.
दुल्हन, जो एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी की बेटी है, उसने कहा कि उसने, उसके परिवार के सदस्यों और आमंत्रित लोगों ने सोमवार को विवाह स्थल पर दूल्हे का इंतजार किया था. जब वह नहीं आया तो उसने अन्य लोगों के साथ ब्रम्हा नगर स्थित उसके घर में घुसने की कोशिश की. लेकिन उसके माता-पिता ने दरवाजा मजबूती से बंद रखा था. इसके बाद महिला वहीं सामाजिक कार्यकर्ता प्रमिला त्रिपाठी के साथ धरने पर बैठ गई.
महिला ने कहा, कि जब तक मामला सुलझ नहीं जाता वह धरना जारी रखेगी. उसने दावा किया कि दूल्हे के माता-पिता की जानकारी के बिना उनकी शादी 7 सितंबर, 2020 को शहर की एक अदालत में दर्ज की गई थी. सामाजिक कार्यकर्ता प्रमिला त्रिपाठी ने कहा, "मैं यहां उनकी काउंसलिंग करने और मामले को सुलझाने की कोशिश करने आई थी."
महिला ने दावा किया कि दूल्हे के माता-पिता की जानकारी के बिना 7 सितंबर, 2020 को भुवनेश्वर की एक अदालत में शादी का पंजीकरण कराया गया था. पेशे से डॉक्टर दूल्हे ने अपने माता-पिता को समझाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने उसे अपनाने से इनकार कर दिया.
उसने आरोप लगाया कि उसके ससुराल वालों ने उसे प्रताड़ित किया और उसने यहां महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. उसने बताया, कि दोनों परिवारों के मिलने और स्थिति पर चर्चा करने के बाद हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी की तारीख सोमवार को तय की गई थी, लेकिन दूल्हा नहीं आया. पुलिस ने कहा, कि महिला की शिकायत महिला थाने में लंबित है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "जैसा कि मामला अदालत में है, हम अदालत के निर्देश के अनुसार कार्रवाई करेंगे."
बैद्यनाथपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक राम कुमार मुर्मू ने कहा, कि धरना स्थल पर बल के जवानों को तैनात कर दिया गया है. उन्होंने कहा, कि कार्यकारी मजिस्ट्रेट के निर्देश पर धारा 107 सीआरपीसी (शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा) लगाई गई है.
न तो दूल्हे और न ही उसके परिवार के सदस्यों से अबतक बात नहीं हो पाई है क्योंकि उन्होंने घर का दरवाजा बंद रखा था.
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