
राजस्थान में बहन के बच्चों की शादी में भरा जाने वाला 'मायरा' देशभर में हमेशा से ही चर्चा का विषय रहा है. आए दिन मायरा के नए रिकॉर्ड स्थापित हो रहे हैं. बीते दिनों सबसे ज्यादा सुर्खियों में नागौर का मायरा रहा है. जब एक किसान ने 14 करोड़ रुपये का मायरा भरकर सबको चौंका दिया था. हालांकि, अब मायरा को लेकर नया मामला सामने आया है, इस बार नागौर जिले में परिवार ने 21 करोड़ रुपये का मायरा भरा है, जिसने अब तक के मायरे के सारे रिकॉर्ड को तोड़ दिए हैं.
राजस्थान में एक शादी समारोह के दौरान मायरा में 21 करोड़ रुपये के उपहार दिए जाने का एक वीडियो इंटरनेट पर छाया हुआ है. वायरल हो रहे इस वीडियो को अब तक 58 मिलियन से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. यह वीडियो, जो संभवतः राजस्थान में एक प्री-वेडिंग समारोह का है, अपनी सजावट या जश्न के लिए नहीं, बल्कि उपहारों की हैरान कर देने वाली कीमत के लिए वायरल हुआ है.
पेशे से फोटोग्राफर सोनू अजमेर (@sr_sonu_ajmer_) द्वारा इंस्टाग्राम पर साझा की गई क्लिप में एक व्यक्ति दूल्हा, दुल्हन और उनके परिवारों के सामने महंगे उपहारों का विवरण बताते हुए दिखाई दे रहा है. बता दें कि 21 करोड़ रुपये से अधिक मायरा झाडेली गांव की बेटी कमला के बच्चों की शादी में नाना द्वारा भरा गया है. जानकारी के अनुसार, मायरे में 1.51 करोड़ रुपये कैश, एक किलो सोना, 210 बीघा जमीन, 15 किलो चांदी और एक पेट्रोल पम्प दिया गया है. मारवाड़ी और जाट संस्कृतियों में शादी से पहले की रस्म ‘मायरा' की कुल कीमत लगभग 21 करोड़ रुपये बताई गई.
देखें Video:
मायरा, जिसे भात के नाम से भी जाना जाता है, एक पारंपरिक राजस्थानी रस्म है जिसमें दुल्हन या दूल्हे के मामा शादी के दौरान उपहार देते हैं.
एक अन्य फोटोग्राफर पीयूष मंडवारा (@mandawra_click) द्वारा इंस्टाग्राम पर साझा किए गए दूसरे वीडियो में, एक शख्स यह घोषणा करते हुए दिखाई दे रहा है कि 'मायरा' की कुल राशि लगभग 21 करोड़ रुपये है.
सोशल मीडिया यूजर्स ने इस क्लिप पर कड़ी प्रतिक्रिया ज़ाहिर की है. इंटरनेट के एक वर्ग ने इस तरह के भव्य उपहार की जरूरत पर सवाल उठाया, लोगों ने सांस्कृतिक संदर्भ को स्पष्ट करते हुए स्पष्ट किया कि उपहार 'मायरा' का हिस्सा थे, न कि दहेज का, जो भारतीय कानून के तहत अवैध है. कई यूजर्स ने इस अनुष्ठान को एक सांस्कृतिक परंपरा के रूप में बचाव किया, अन्य लोगों ने शादियों के दौरान इस तरह के धन प्रदर्शन को सामान्य बनाने के बारे में चिंता जताई.
दहेज निषेध अधिनियम, 1961, दहेज देने और लेने दोनों को अपराध मानता है. कानून में दहेज की मांग से जुड़ी उत्पीड़न या हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा के प्रावधान भी शामिल हैं.
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