महाराष्ट्र में ‘पोला' त्योहार बैलों को समर्पित है, लेकिन अकोला जिले में कुछ समुदाय इस दिन गधों को पूजा करते हैं जिसे ‘गधा पोला' कहते हैं. महाराष्ट्र के किसान किसानी में पूरे साल हाड़-तोड़ मेहनत के प्रति आभार प्रकट करने लिए 'पोला' (जिसे ‘बैल पोला' भी कहते हैं) के दिन बैलों और सांड की पूजा करते हैं. यह त्योहार इस साल 30 अगस्त को मनाया गया.
पोला अमावस्या के दिन इस तरह बैलों की पूजा होती है...
Pola festival in our mudgadkar family... pic.twitter.com/ui8lxCe7RF
— अखिल कुलकर्णी (@pKXiVtWty37cGrs) August 31, 2019
इसी तरह भोई और कुम्हार समुदाय के लोग गधों का आभार और सम्मान प्रकट करने के लिए इस दिन उनकी पूजा करते हैं. समुदाय के विष्णु छोडे़ ने कहा कि भार ढोने के अलावा बरसात में सड़क खराब होने पर गधे खेती के लिए खाद ढोने में अधिक उपयोगी हैं.
इस मौके पर गधों को नहला कर उन्हें फूलों से सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है. उन्होंने दुख जताया कि धीरे-धीरे यह परंपरा खत्म हो रही है क्योंकि युवा दूसरे पेशों को अपना रहे हैं. उधर दो सितंबर को अध्ययन भ्रमण के तौर पर जापानी छात्रों का समूह ठाणे में आयोजित होने वाले वार्षिक गणेश उत्सव में शामिल होगा.
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