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This Article is From Sep 28, 2021

पहली बार 367 फीट गहरे ‘नर्क के कुएं’ में उतरे खोजकर्ता, तो खौफनाक मंज़र देख उड़ गए होश, सामने आई ये सच्चाई

हम बता रहे हैं नरक का द्वार कहा जाने वाले कुएं के बारे में, जो यमन के बरहूत में स्थित है. इसे नरक का रास्ता भी कहा जाता है. माना जाता रहा है कि यहां शैतानों को कैद किया जाता था. यहां तक कहा जाता है कि इसके अंदर जिन और भूत रहते हैं.

पहली बार 367 फीट गहरे ‘नर्क के कुएं’ में उतरे खोजकर्ता, तो खौफनाक मंज़र देख उड़ गए होश, सामने आई ये सच्चाई
पहली बार 367 फीट गहरे ‘नर्क के कुएं’ में उतरे खोजकर्ता, तो खौफनाक मंज़र देख उड़ गए होश

हमारी धरती पर ऐसी बहुत सी जगह हैं जिनके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है, किसी को भी ऐसी रहस्यमयी जगहों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. आज हम आपको एक ऐसे ही कुएं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे नरक का द्वार या नरक का कुआं कहा जाता है. ये कुआं आज भी दुनियाभर के वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ा रहस्य बना हुआ है. हम बता रहे हैं नरक का द्वार कहा जाने वाले कुएं के बारे में, जो यमन के बरहूत में स्थित है. इसे नरक का रास्ता भी कहा जाता है. माना जाता रहा है कि यहां शैतानों को कैद किया जाता था. यहां तक कहा जाता है कि इसके अंदर जिन और भूत रहते हैं. वहां के लोग तो इसके करीब जाना तो दूर, इसके बारे में बात करने से भी बचते हैं.

निषिद्ध 'वेल ऑफ हेल', जिसका अंधेरा, गोल छिद्र यमन के पूर्वी प्रांत अल-महरा के रेगिस्तानी तल में 30 मीटर (100 फुट) चौड़ा छेद बनाता है, सतह से लगभग 112 मीटर (367 फीट) नीचे गिरता है और, कुछ खातों के अनुसार, अजीब गंध देता है. अंदर, ओमान केव एक्सप्लोरेशन टीम (ओसीईटी) को सांप, मृत जानवर और गुफा मोती मिले - लेकिन अलौकिक के कोई संकेत नहीं मिले.

ओमान में जर्मन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के भूविज्ञान के प्रोफेसर मोहम्मद अल-किंडी ने एएफपी को बताया, "सांप थे, लेकिन जब तक आप उन्हें परेशान नहीं करेंगे, वे आपको परेशान नहीं करेंगे."

हाल ही में इस कुएं के भीतर ओमान के 8 लोगों की एक टीम ने प्रवेश किया. इसके भीतर प्रवेश करने के बाद उन्होंने ये जानने की कोशिश की कि वास्तविकता में इस कुएं के अंदर क्या है? जब वैज्ञानिकों की टीम ने कुएं के अंदर प्रवेश किया तो उनको किसी भी प्रकार का जिन और भूत उसमें देखने को नहीं मिला. हालांकि कुएं के अंदर सांप और गुफाओं वाले मोती जरूर मिले.

खोजकर्ताओं के मुताबिक, सतह से वो 367 फीट तक नीचे गए थे. वहीं अंदर कुछ दुर्गंध आ रही थी, लेकिन वो मरे हुए जानवरों की ही लग रही थी, हालांकि दुर्गंध का रहस्य ठीक तरीके से नहीं सुलझा. उन्होंने ये भी बताया, कि जिस तरह से उन्होंने भूत प्रेतों आदि की बातें सुनी थीं, वहां वैसा पर कुछ नहीं था.

देश 2014 के बाद से एक विनाशकारी गृहयुद्ध में उलझा हुआ है, जिसने संयुक्त राष्ट्र को दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकट के रूप में वर्णित किया है, इसकी 30 मिलियन आबादी का दो-तिहाई हिस्सा किसी न किसी रूप में सहायता पर निर्भर है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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