पिछले सप्ताह इंटरनेट पर सोशल साइट टम्बलर पर एक यूजर द्वारा अपलोड की गई ड्रेस के रंग का मुद्दा इंटरनेट पर वायरल हो गया था। बजफीड ने जब टम्बलर से इस कहानी अपनी साइट पर पोस्ट की तो 24 घंटों के अंदर इसे 28 मिलियन से ज़्यादा हिट मिल गए थे।
तीन दिनों तक ड्रेस के रंग (व्हाइट एंड गोल्डेन है या फिर ब्लैक एंड ब्लू) इसको लेकर ट्विटर और फेसबुक सहित कई सोशल साइट में सबसे ज्यादा ट्रेंड करता रहा।
इसी ड्रेस को अब चर्च को सामाजिक कार्यों में संलिप्त करने के लिए बनी साल्वेशन आर्मी के दक्षिण अफ्रीकी ब्रांच ने महिलाओं के खिलाफ होने वाली घरेलू हिंसा को रोकने के अभियान में हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है।
दक्षिण अफ्रीकी साल्वेशन आर्मी के प्रवक्ता कैरीन ए होम्स ने वेबसाइट क्वार्ट्ज से कहा है, “घरेलू हिंसा दक्षिण अफ्रीका में बड़ी समस्या है, यह परिवार और समाज को काफी प्रभावित करता है।”
इस अभियान के तहत जो पोस्टर जारी किया गया है, उसमें एक महिला वायरल हुई ड्रेस पहनी हुई हैं और उनके चेहरे और पांव पर चोटों के निशान हैं। पोस्टर का स्लोगन है- ब्लैक एंड ब्लू को देखना इतना मुश्किल क्यों है। इसके नीचे की पंक्ति है- हर छह में से एक महिला घरेलू हिंसा की शिकार हैं। इसको लेकर कोई भ्रम नहीं है।
भारत में घरेलू हिंसा की तस्वीर और भयावह है। घरेलू हिंसा पर अंकुश लगाने के कानून के बावजूद नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के मुताबिक प्रति तीन मिनट में एक महिला घरेलू हिंसा की शिकार होती हैं।
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