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ऑफिस बना स्कूल? सैलरी 12 हजार और नियम बोर्डिंग स्कूल से भी सख्त, सोशल मीडिया पर मचा बवाल

Viral Office Rules: इंटरनेट पर इन दिनों एक भारतीय कंपनी के अजीबो-गरीब ड्रेस कोड ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है. कंपनी के कड़े ड्रेस कोड, जिसमें पुरुषों के लिए फॉर्मल और महिलाओं के लिए चूड़ीदार और बंधी चोटी जैसे नियम हैं.

ऑफिस बना स्कूल? सैलरी 12 हजार और नियम बोर्डिंग स्कूल से भी सख्त, सोशल मीडिया पर मचा बवाल
कंपनी का अजीब ड्रेस कोड वायरल, महिलाओं के खुले बाल बैन...तो पुरुषों को शर्ट निकालना मना

Office Strict Dress Code goes Viral: आज के समय में जहां वर्कप्लेस कल्चर धीरे-धीरे फ्लेक्सिबल हो रहा है, वहीं एक भारतीय कंपनी के अजीबो-गरीब ड्रेस कोड ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है. रेडिट पर वायरल हुई एक पोस्ट के मुताबिक, इस कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए इतने कड़े ड्रेस नियम बना रखे हैं कि लोगों को ये किसी स्कूल के नियम से कम नहीं लग रहे.

ऑफिस या बोर्डिंग स्कूल? (Corporate Dress Code Controversy)

इस ड्रेस कोड के अनुसार, पुरुषों को शर्ट पैंट में टक करके पहननी होगी.
टी-शर्ट की अनुमति नहीं है.
अगर जींस पहननी है, तो उसके साथ भी शर्ट पैंट के अंदर होनी चाहिए. 
वहीं दाढ़ी हमेशा ट्रिम रहनी चाहिए.
चेहरा साफ-सुथरा होना चाहिए.

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अब बात करें महिलाओं की तो नियम और भी सख्त हैं:- (Funny Office Dress Code)

केवल चूड़ीदार पायजामा पहनने की इजाजत.
शॉल को पिन करना अनिवार्य.
खुले बाल या लूज़ चोटी सख्त मना.
बाल हमेशा रिबन से बंधे होने चाहिए.
सिंपल, साफ और प्रेस किए हुए कपड़े पहनना जरूरी.

सोशल मीडिया पर फूटा मजाक और गुस्सा (Viral Reddit Post)

यह ड्रेस कोड एक यूजर ने रेडिट पर शेयर किया, जिसमें उसने बताया कि यह उसके दोस्त के ऑफर लेटर में लिखा गया था. पोस्ट में उसने सवाल किया, इसका हमारे काम से क्या लेना-देना? बस फिर क्या था, सोशल मीडिया पर इस पोस्ट ने तगड़ा रिएक्शन खींचा. एक यूजर ने लिखा, सैलरी 12 हजार और ड्रेस कोड ऐसा जैसे आईएएस की ट्रेनिंग हो. दूसरे ने तंज कसा, ये कौन-सा स्कूल है भाई, क्या अब भी एडमिशन खुले हैं? एक और कमेंट था, लगता है कंपनी को काम से ज्यादा बाल और कपड़ों की चिंता है.

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क्या है कंपनी की सोच?

ड्रेस कोड में यह भी लिखा गया है कि सभी कर्मचारी साफ-सुथरे कपड़े पहनें और उनका लुक प्रोफेशनल होना चाहिए. धार्मिक या जातिगत पहनावे को मंजूरी है, लेकिन वह भी कंपनी की गाइडलाइन्स के दायरे में ही. इस पूरे मामले ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या किसी कॉरपोरेट ऑफिस में इतना सख्त और पुराने ज़माने का ड्रेस कोड वाकई ज़रूरी है? जहां कंपनियां कंफर्ट और क्रिएटिविटी को बढ़ावा दे रही हैं, वहां इस तरह के नियम हास्यास्पद लग रहे हैं. इस वायरल पोस्ट ने न सिर्फ हंसी का माहौल बना दिया, बल्कि भारत में वर्कप्लेस फ्रीडम और ड्रेस कोड की सोच पर भी बहस छेड़ दी है.

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