नई दिल्ली:
संसद के ऊपरी सदन में प्रश्नकाल के सीधा प्रसारण को निलंबित किए जाने का सुझाव देते हुए राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति एम. हामिद अंसारी ने रविवार को कहा कि सदन की कार्यवाही में बार-बार बाधा के लिए जिम्मेवार 'सामूहिक आचरण' को सुधारने की जरूरत है।
यहां सर्वदलीय बैठक में उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने यह बैठक 'व्यथित और दुखी' होकर बुलाई है, क्योंकि सदस्यों द्वारा सदन में पैदा की जाने वाली बाधाओं से संसद के बारे में लोगों के बीच गलत धारणा बनती जा रही है।
अधिकृत सूत्रों ने उपराष्ट्रपति के शब्दों को उद्धृत किया, "चूंकि बाधा का उद्देश्य कार्यवाही के सीधे प्रसारण के जरिए 'प्रचार पाना' हो सकता है इसलिए हम प्रश्नकाल का लगातार सीधा प्रसार खत्म कर सकते हैं और इसकी जगह दूसरा आधार अपना सकते हैं।"
अंसारी ने यह भी कहा कि सदस्य सभापति की आसंदी की तरफ बढ़कर या अत्यंत अमर्यादित आचरण के जरिए बाधा उत्पन्न करते हैं। ऐसे में उनके नाम रिकार्ड में लिखे जाएं। उन्होंने सुझाव दिया कि नियमावली में ऐसा प्रावधान जोड़ा जाए जिससे सदन में अव्यवस्था उत्पन्न करने वाला सदस्य एक विशेष अवधि के लिए स्वत: निलंबित हो जाए। इस संदर्भ में परामर्श शुरू किया जाना चाहिए। यह संभव है, क्योंकि ऐसा नियम लोकसभा में पहले से है।
अंसारी ने कहा, "यह दुख और अत्यंत निराशाजनक सत्य है कि बार-बार बाधाओं के कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ती है। यदि यह परंपरा यूं ही जारी रही तो हमारे लोकतंत्र के सर्वोच्च मंच के रूप में संसद के सार्वजनिक सम्मान पर आघात पहुंचेगा और इसकी प्रासंगिकता पर सवाल खड़ा हो जाएगा।"
यहां सर्वदलीय बैठक में उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने यह बैठक 'व्यथित और दुखी' होकर बुलाई है, क्योंकि सदस्यों द्वारा सदन में पैदा की जाने वाली बाधाओं से संसद के बारे में लोगों के बीच गलत धारणा बनती जा रही है।
अधिकृत सूत्रों ने उपराष्ट्रपति के शब्दों को उद्धृत किया, "चूंकि बाधा का उद्देश्य कार्यवाही के सीधे प्रसारण के जरिए 'प्रचार पाना' हो सकता है इसलिए हम प्रश्नकाल का लगातार सीधा प्रसार खत्म कर सकते हैं और इसकी जगह दूसरा आधार अपना सकते हैं।"
अंसारी ने यह भी कहा कि सदस्य सभापति की आसंदी की तरफ बढ़कर या अत्यंत अमर्यादित आचरण के जरिए बाधा उत्पन्न करते हैं। ऐसे में उनके नाम रिकार्ड में लिखे जाएं। उन्होंने सुझाव दिया कि नियमावली में ऐसा प्रावधान जोड़ा जाए जिससे सदन में अव्यवस्था उत्पन्न करने वाला सदस्य एक विशेष अवधि के लिए स्वत: निलंबित हो जाए। इस संदर्भ में परामर्श शुरू किया जाना चाहिए। यह संभव है, क्योंकि ऐसा नियम लोकसभा में पहले से है।
अंसारी ने कहा, "यह दुख और अत्यंत निराशाजनक सत्य है कि बार-बार बाधाओं के कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ती है। यदि यह परंपरा यूं ही जारी रही तो हमारे लोकतंत्र के सर्वोच्च मंच के रूप में संसद के सार्वजनिक सम्मान पर आघात पहुंचेगा और इसकी प्रासंगिकता पर सवाल खड़ा हो जाएगा।"
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं