बीजिंग:
चीन में एक 26-वर्षीय युवक ने अपनी लकवाग्रस्त मां को उनके पसंदीदा पर्यटन स्थल पर घुमाने के लिए पैदल 3,500 किलोमीटर की दूरी 100 दिन में पूरी की। उनको अपनी मां के प्रति आस्था के लिए साइबर स्पेस में काफी प्रशंसा मिल रही है।
फान मेंग अपनी मां कोउ मिनजुन को लेकर पैदल बीजिंग से चीन के दक्षिण-पश्चिम यूनान प्रांत के शिशुआनबाना पहुंचे। गुरुवार को जब मां-बेटे वहां पहुंचे, तो स्थानीय लोगों ने पारंपरिक नृत्य और संगीत के साथ उनका स्वागत किया।
लकवाग्रस्त कोउ पिछले कई सालों से बीजिंग में रह रही थीं, लेकिन उनके बेटे ने उन्हें व्हीलचेयर के साथ लेकर पैदल 100 दिन में 3,500 किलोमीटर की यात्रा तय की, ताकि वह अपने पसंदीदा पर्यटन स्थल शिशुआनबाना को देख सकें।
सरकारी संवाद समिति 'शिन्हुआ' की खबर के मुताबिक, फान की मां का 10 वर्ष पहले ही तलाक हुआ है, जिसके बाद वह अपने बेटे के साथ रह रही हैं। उनका खर्च सरकार और रिश्तेदारों से मिलने वाली सहायता से चलता है। कोउ ने कहा कि वह टीवी कार्यक्रमों और समाचार पत्रों की मदद से शिशुआनबाना को जानती हैं, लेकिन अपने बेटे के बिना मैं कभी यहां नहीं पहुंच पाती।
कोउ के बेटे का जीवन भी आसान नहीं रहा। इस यात्रा से पहले फान की प्रेमिका ने उसे छोड़ दिया। अपनी मां की देखभाल के लिए उसे पिछले छह सालों में कई नौकरियां बदलनी पड़ीं।
फान मेंग अपनी मां कोउ मिनजुन को लेकर पैदल बीजिंग से चीन के दक्षिण-पश्चिम यूनान प्रांत के शिशुआनबाना पहुंचे। गुरुवार को जब मां-बेटे वहां पहुंचे, तो स्थानीय लोगों ने पारंपरिक नृत्य और संगीत के साथ उनका स्वागत किया।
लकवाग्रस्त कोउ पिछले कई सालों से बीजिंग में रह रही थीं, लेकिन उनके बेटे ने उन्हें व्हीलचेयर के साथ लेकर पैदल 100 दिन में 3,500 किलोमीटर की यात्रा तय की, ताकि वह अपने पसंदीदा पर्यटन स्थल शिशुआनबाना को देख सकें।
सरकारी संवाद समिति 'शिन्हुआ' की खबर के मुताबिक, फान की मां का 10 वर्ष पहले ही तलाक हुआ है, जिसके बाद वह अपने बेटे के साथ रह रही हैं। उनका खर्च सरकार और रिश्तेदारों से मिलने वाली सहायता से चलता है। कोउ ने कहा कि वह टीवी कार्यक्रमों और समाचार पत्रों की मदद से शिशुआनबाना को जानती हैं, लेकिन अपने बेटे के बिना मैं कभी यहां नहीं पहुंच पाती।
कोउ के बेटे का जीवन भी आसान नहीं रहा। इस यात्रा से पहले फान की प्रेमिका ने उसे छोड़ दिया। अपनी मां की देखभाल के लिए उसे पिछले छह सालों में कई नौकरियां बदलनी पड़ीं।
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