
Chinese Company Impose Strict Work Life Policy: काम और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना हर कर्मचारी के लिए बेहद जरूरी होता है, लेकिन चीन की एक कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए कुछ बेहद सख्त नियम लागू कर दिए हैं. इन नए वर्कप्लेस पॉलिसीज को लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त बहस छिड़ गई है. कई लोग इसे अनुशासन के नाम पर शोषण बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे काम की उत्पादकता बढ़ाने का एक तरीका मान रहे हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, एक चीनी कंपनी ने अपने दफ्तर में कर्मचारियों के व्यवहार और दिनचर्या को लेकर बेहद कठोर दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसके बारे में जानकर आपका भी दिमाग झन्ना जाएगा.
क्या हैं ये नए नियम?
- कर्मचारियों को सीमित समय के लिए ही ब्रेक लेने की अनुमति है और ज्यादा देर तक ब्रेक लेने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
- वर्किंग आवर्स के दौरान निजी फोन कॉल्स और सोशल मीडिया का इस्तेमाल सख्ती से प्रतिबंधित कर दिया गया है.
- कर्मचारियों को निर्धारित समय से अधिक काम करने के लिए बाध्य किया जा रहा है, जिससे उनके निजी जीवन पर असर पड़ रहा है.
- दफ्तर में कर्मचारियों की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ा दी गई है.
- नियमों का उल्लंघन करने वाले कर्मचारियों को ऑफिस की सफाई करने के लिए मजबूर किया जाता था.

ये तो कुछ भी नहीं...
कंपनी की एक कर्मचारी लियू चांग के मुताबिक, एक बार लंच ब्रेक के दौरान वह इयरफोन का इस्तेमाल कर रहे थे, जिसके लिए उन्हें सुपरवाइजर से डांट पड़ी थी. इसके बाद उन्हें काम के घंटों के दौरान अपने परिवार से सीक्रेट रूप से बात करने के लिए स्मार्ट वॉच का इस्तेमाल करना पड़ा. एक और कर्मचारी ने बताया कि, कर्मचारियों को अपनी कुर्सियां ठीक से न रखने के लिए भी सजा दी जाती थी. यही नहीं कंपनी में टॉयलेट के लिए भी लिमिटेड टाइम मिलता था और बाकियों पर भी नजर रखनी होती थी. इसके अलावा रोजगार कॉन्ट्रैक्ट को अवैध रूप से रोकने, सोशल बीमा जिम्मेदारियों से बचने और कर्मचारियों को अवैध रूप से बर्खास्त करने के अन्य आरोप भी लगे हैं. बताया जा रहा है कि, हेफेई लेबर सिक्योरिटी सुपरविजन यूनिट ने 25 मार्च 2025 को कंपनी की पॉलिसी की जांच की घोषणा कर दी है, लेकिन अब तक कंपनी ने इस विवाद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
कैसे हुआ खुलासा
SCMP की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के ऑफिस रेगुलेशन की एक कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें काम के घंटे के दौरान फोन यूज करने पर मनाही से लेकर वर्किंग आवर्स में ऑफिस से निकलने पर मना करने जैसी कई बातें शामिल हैं. कुछ लोगों ने तो अपने काम करने के एक्सपीरियंस को 'जेल में होने' जैसा बताया. चीनी सोशल मीडिया पर यह विवाद तब सामने आया, जब वेस्टर्न चीन के अनहुई प्रांत के हेफेई में एक डेंटल केयर प्रोडक्ट कंपनी ने सख्त वर्कप्लेस पॉलिसी और कठोर प्रबंधन स्टाइल का खुलासा किया. कंपनी के आंकड़ों के अनुसार, 2016 में स्थापित सुपर डियर ने 2023 की पहली छमाही में डेंटल फ्लॉस प्रोडक्ट में 75 प्रतिशत मार्केट शेयर हासिल की. कथित तौर पर इस कंपनी की सालाना बिक्री 400 मिलियन युआन (US$55 मिलियन) तक पहुंच गई थी, लेकिन जब से कंपनी की पॉलिसी के बारे में सोशल मीडिया पर खुलासा हुआ है, लोगों ने कंपनी की घोर निंदा करनी शुरू कर दी है.

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
जैसे ही यह खबर वायरल हुई, इंटरनेट पर लोग दो गुटों में बंट गए. कुछ लोगों का कहना है कि यह नियम कर्मचारियों को अधिक अनुशासित बनाएंगे और कंपनी की उत्पादकता को बढ़ाएंगे. वहीं, कई लोगों ने इसे वर्कप्लेस टॉर्चर करार दिया और कहा कि, इस तरह की सख्ती कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य और निजी जीवन पर बुरा असर डाल सकती है. एक यूजर ने लिखा, मैं अब उस कंपनी से उनसे कुछ भी नहीं खरीदूंगा. वही दूसरे यूजर ने कहा कि, यह बहुत अमानवीय है, इस कंपनी को दिवालिया हो जाना चाहिए.
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