ब्रिटेन से एमबीए कर चुकी हैं गार्गी
जयपुर:
राजस्थान के झुंझनू की एक लड़की अपनी शादी के ज़रिए लोगों को संदेश देने के मक़सद से घोड़े पर सवार होकर अपने रिश्तेदारों को शादी का न्योता बांट रही है. ब्रिटेन से एमबीए कर चुकी गार्गी रथ पर सवार, सिर पर साफ़ा बांधे ज़िले के अलग-अलग इलाक़ों में जा रही है. राजस्थान में बिंदौरी परंपरा के तहत शादी से पहले कुछ रस्मों को पूरा किया जाता है. आमतौर पर इस रस्म के तहत दूल्हा साफा बांधकर घोड़े के रथ पर दुल्हन के घर तक जाता है. इसका मकसद दुल्हन के संबंधियों को शादी में आमंत्रित करना होता है. इसके उलट ब्रिटेन से एमबीए पास एक दुल्हन जब झुंझुनू जिले के चिरावा कस्बे में घोड़े के रथ पर साफा बांधकर रस्म पूरा करने के लिए निकली तो लोग आश्चर्यचकित होकर देखते रह गए. दुल्हन गार्गी अहलावत ने ब्रिटेन से एमबीए की पढ़ाई की है और वह पिछले तीन दिनों से जिले के विभिन्न क्षेत्रों में इस तरह घूम रही हैं.
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दरअसल इसके जरिये वह लोगों की मानसिकता में यह बदलाव लाना चाहती हैं कि लड़का और लड़की बराबर होते हैं. गार्गी, झुंझुनू की सांसद संतोष अहलावत की पुत्री हैं. उनकी इस मुहिम की लोग सराहना कर रहे हैं. गार्गी का इस मसले पर कहना है कि ग्रामीण और कस्बाई लोग अखबारों और टीवी विज्ञापनों की तुलना में इस तरह के कामों से ज्यादा प्रभावित होते हैं. उनका कहना है कि इस तरह की शुरुआत को अन्य लोग भी देखेंगे और अन्य परिवार भी धीरे-धीरे इसे अपनाएंगे.
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गार्गी की मां संतोष अहलावत 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान से जुड़ी हैं. झुंझुनूं सांसद संतोष अहलावत अपनी बेटी की शादी के साथ-साथ समाज को क्या संदेश दे सकती है, इसलिए उन्होंने एक यह बड़ा कदम उठाया है. साथ ही इस कदम से न केवल परिवार खुश है, बल्कि समाज के लोगों में भी बेटा-बेटी एक समान का संदेश जा रहा है. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत यह एक वो संदेश है. जिससे समाज में यह बात जरूर जाएगी कि शादी के वक्त घोड़ी पर बैठने की रस्म केवल बेटे ही नहीं, बल्कि बेटियां भी अदा करती है. इस बिंदौरी में खुद सांसद भी शामिल हो रही हैं और अन्य महिलाओं के साथ बेटी की शादी में थिरकने से भी खुद को रोक नहीं पा रही हैं.
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