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This Article is From Mar 14, 2019

आतंकी मसूद अजहर को चीन ने बचाया तो भारतीयों ने मोबाइल से हटाया TikTok, ट्रेंड कर रहा है #BoycottChineseProducts

जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के सरगना मसूद अजहर (Masood Azhar) को 'वैश्विक आतंकी' घोषित होने से बचाने के लिए चीन (China) द्वारा वीटो लगाने के कुछ घंटे बाद अमेरिका (US) ने चेतावनी दी है.

आतंकी मसूद अजहर को चीन ने बचाया तो भारतीयों ने मोबाइल से हटाया TikTok, ट्रेंड कर रहा है #BoycottChineseProducts
Masood Azhar को बचाया चीन ने तो गुस्सा गए भारतीय.

जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के सरगना मसूद अजहर (Masood Azhar) को 'वैश्विक आतंकी' घोषित होने से बचाने के लिए चीन (China) द्वारा वीटो लगाने के कुछ घंटे बाद अमेरिका (US) ने चेतावनी दी है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिकी राजनयिक ने चेतावनी देते हुए कहा कि इससे दूसरे सदस्यों को 'अन्य एक्शन लेने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.' यह अमेरिका की तरफ से एक कड़ा मैसेज है, जिसमें राजयनिक कहते हैं कि 'अगर बीजिंग आतंकवाद से लड़ने के लिए गंभीर है तो उसे पाकिस्तान और अन्य देशों के आतंकियों का बचाव नहीं करना चाहिए.'

चीन ने आतंकी मसूद अजहर को बचाने के लिए लगाया वीटो तो अमेरिका ने दी चेतावनी- उठाएंगे 'अन्य कदम'

चीन की वजह से फिर जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर वैश्विक आतंकवादी घोषित होने से बच गया. जिसकी वजह से भारतीयों में काफी गुस्सा है. वो सोशल मीडिया के जरिए चीन की काफी आलोचना कर रहे हैं. भारत में कई चीनी प्रोडक्ट और मोबाइल एप्स का इस्तेमाल होता है. ट्विटर यूजर्स भारत से पूरी तरह से चीनी प्रोडक्ट्स को बायकॉट करने की गुजारिश कर रहे हैं. ट्विटर पर #BoycottChineseProducts टॉप ट्रेंड कर रहा है. कई लोगों ने तो पॉपुलर चीनी एप टिक-टॉक को अनइंस्टॉल कर दिया है. 

इस बॉलीवुड प्रोड्यूसर ने दी चेतावनी, लिखा- एक दिन चीन को भी निगल जाएगा हाफिज सईद और उसका गैंग...

 

 

चीन ने भारत की कोशिश को झटका देते हुए प्रस्ताव में रोड़े अटका दिए. चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसे वैश्विक आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा दी. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ‘‘1267 अल कायदा सैंक्शन्स कमेटी'' के तहत अजहर को आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव 27 फरवरी को फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने लाया था.  संयुक्त राष्ट्र में एक राजनयिक ने  बताया कि समयसीमा खत्म होने से ठीक पहले चीन ने प्रस्ताव पर ‘तकनीकी रोक' लगा दी. राजनयिक ने कहा कि चीन ने प्रस्ताव की पड़ताल करने के लिए और वक्त मांगा है.यह तकनीकी रोक छह महीनों के लिए वैध है और इसे आगे तीन महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है. 

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