गुजरात (gujarat) में उत्तरायण पर्व जिसे मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के नाम से भी जाना जाता है, इस दौरान पतंगबाज़ी होती है, जिससे बड़ी संख्या में पक्षी पतंग की डोर से घायल हो जाते हैं. इन पक्षियों की सुरक्षा एवं समय पर इलाज संभव हो सके. इसके लिए वन विभाग की ओर से फैसला लिया गया कि घायल पक्षियों के लिए उपचार केंद्र बनाया जाएगा. जिसके बाद इलाज के लिए सर्जिकल ओटी, ओपीडी और आईसीयू की स्थापना की गई है. इन उपचार केंद्रों में सुबह से शाम तक कर्मचारी कार्यरत रहेंगे. घायल पक्षियों का उपचार पशुपालन विभाग की ओर से पशु पॉलीक्लिनिक, पशु चिकित्सा औषधालय, चल पशु औषधालय से किया जाएगा. चाइनीज डोरी, नायलॉन और सिंथेटिक की डोरी पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है.
जीवदया चैरिटेबल ट्रस्ट के वेटरनरी सर्जन, डॉ उत्सव प्रजापति ने एएनआई से बात करेत हुए बताया, कि घायल पक्षियों को बचाने के लिए मेडिकल और सर्जिकल टीमें तैयार है.
Gujarat | Surgical OT, OPD& ICU set up to treat birds injured by kite strings during kite flying festival also known as Uttarayan & Makar Sankranti
— ANI (@ANI) January 13, 2022
Medical & surgical teams are ready to save injured birds: Dr Utsav Prajapati, Veterinary Surgeon, Jivdaya Charitable Trust(13.01) pic.twitter.com/4FOVRVEWS2
जानकारी के मुताबिक, मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने के दौरान डोर की चपेट में आने की वजह से घायल पक्षियों का बचाव किया जाएगा. घायल पक्षियों की जानकारी देने के लिए प्रशासन विशेष हेल्पलाइन शुरू करेगा.उत्तरायण पर्व के दौरान चाइनीज डोर और तुक्कल के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है. नियमों का उल्लंघन करने वालों पर प्रशासन कार्रवाई करेगा. सुबह से शाम तक पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. दिन के समय लोग अपने अपने कामों के लिए विभिन्न स्थानों पर जाते हैं. इस दौरान गले में डोर फंसने की वजह से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.
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