बिहार देश के उन राज्यों की सूची में शीर्ष स्थान पर है जहां पंचायतों में महिला प्रतिनिधियों की संख्या सर्वाधिक है और प्रदेश में 9040 पंचायतों में 54 फीसदी से अधिक पदों पर महिलाओं की मौजूदगी है।
बिहार ने पंचायतों में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के मामले में केंद्र सरकार के 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को भी पीछे छोड़ दिया है, लेकिन आंकड़ों का एक निराशाजनक पहलू यह भी है कि बिहार को छोड़कर किसी भी राज्य में महिलाओं को पंचायतों में 50 फीसदी अनिवार्य प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है।
पंचायती राजमंत्री वी किशोर चंद्र देव ने लोकसभा में सदस्यों के सवालों के जवाब में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि बिहार में 9040 पंचायतों में 130091 निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों में से महिला प्रतिनिधियों की संख्या 70400 है जो 54.12 फीसदी है।
बिहार के अलावा मणिपुर में महिलाओं को पंचायतों में 43.66 फीसदी और कर्नाटक में 42. 89 फीसदी प्रतिनिधित्व हासिल है। लेकिन इन तीन राज्यों को छोड़कर किसी भी अन्य राज्य में यह आंकड़ा 40 फीसदी को पार नहीं कर पाया है। देव ने बताया कि देश की कुल 239582 पंचायतों में महिला प्रतिनिधियों की संख्या 1039058 है जो मात्र 36. 87 फीसदी है।
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