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मेरठ मर्डर केस से जोड़कर बना दिया भोजपुरी सॉन्ग, नीला ड्रम लेकर डांस करते दिखे कलाकार, भड़की पब्लिक, कहा- कुछ तो शर्म करो

मर्डर केस के इसी नीले ड्रम को केंद्र में रखकर जो भोजपुरी गाना बनाया गया है, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट रहा है.

मेरठ मर्डर केस से जोड़कर बना दिया भोजपुरी सॉन्ग, नीला ड्रम लेकर डांस करते दिखे कलाकार, भड़की पब्लिक, कहा- कुछ तो शर्म करो
मेरठ मर्डर केस से जोड़कर बना दिया भोजपुरी सॉन्ग

Bhojpuri Song on Meerut murder case: भोजपूरी सॉन्ग जहां कुछ लोगों को बहुत पसंद होते हैं, वहीं अश्लीलता और डबल मीनिंग को लेकर अक्सर आलोचना का शिकार भी होते हैं. वक्त-वक्त पर लोग भी इसपर सवाल खड़े करते हैं, लेकिन इस बार तो हद ही हो गई. दरअसल, अब एक बेहद संवेदनशील मुद्दे पर भोजपुरी गाना बनाया गया है, जिसे सुनने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों को गुस्सा फूट पड़ा है. हम बात कर रहे हैं मेरठ के चर्चित सौरभ राजपूत हत्याकांड की, जिसपर अब एक भोजपुरी गाना बना दिया गया है.

यूपी के मेरठ में हुई सौरभ राजपूत की निर्मम हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस दिल दहला देने वाली घटना में सौरभ की पत्नी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल ने मिलकर सौरभ की हत्या कर दी थी. लंदन से लौटने के बाद सौरभ को घर में ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया था. हत्या के बाद शव के टुकड़े कर उसे नीले ड्रम में बंद कर सीमेंट से सील कर दिया गया है. और यही नीला ड्रम इस केस की पहचान बन गया.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक यूजर ने इस वीडियो को शेयर किया है. कैप्शन में लिखा है- भोजपुरी गायक हत्या के मामलों को भी नहीं छोड़ते! वीडियो को 3 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है और करीब 2 हज़ार से ज्यादा बार लाइक किया जा चुका है. लोग वीडियो पर ढेरों कमेंट कर अपने रिएक्शन दे रहे हैं.

देखें Video:

मर्डर केस के इसी नीले ड्रम को केंद्र में रखकर जो भोजपुरी गाना बनाया गया है, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट रहा है. पब्लिक इसे मृतक के प्रति असंवेदनशीलता और घटना के प्रति अपमानजनक बता रही है. सोशल मीडिया पर मांग की जा रही है कि ऐसे गानों पर सख्त कार्रवाई हो और संवेदनशील मामलों का मज़ाक उड़ाने वालों को जवाबदेह ठहराया जाए.

इस गाने को लेकर सोशल मीडिया पर लोग काफी भड़के हुए हैं. एक यूजर ने लिखा- किसी की हत्या का मज़ाक बनाना भी अपने आप में अपराध होना चाहिए. ऐेस कंटेंट बनाने वालों को भी सजा मिलनी चाहिए. ये हिंसी को बढ़ावा देने जैसा है. दूसरे यूजर ने लिखा- ये संवेदनशीलता की सारी हदें पार कर गया है. सरकार इसपर कोई एक्शन क्यों नहीं लेती.

दूसरी तरफ कुछ लोगों ने भोजपुरी भाषा को बदनाम करने की कोशिश पर भी सवाल उठाए हैं. एक यूजर ने कहा- इसमें भोजपूरी भाषा को दोष देना सरासर गलत है. असली दोषी वे लोग हैं जो व्यूज और वायरल कंटेंट के लिए कुछ भी अश्लील और भड़काऊ बना देते हैं.

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