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'मैंने 40 साल लोगों को अच्छी तरह मरने में मदद की है, यही मैंने सीखा है' आखिर ऐसा क्या और क्यों करती है यह महिला

Good Death Meaning: जिंदगी जीना तो हर कोई सीखा सकता है, लेकिन 'अच्छी मौत' की बात कोई नहीं करता, लेकिन एक महिला पिछले 40 साल से लोगों को अच्छे से मरने में मदद कर रही है.

'मैंने 40 साल लोगों को अच्छी तरह मरने में मदद की है, यही मैंने सीखा है' आखिर ऐसा क्या और क्यों करती है यह महिला
अच्छी मौत भी ज़िंदगी जितनी जरूरी है...40 सालों से लोगों को सम्मान से मरने में मदद कर रही हैं बेलिंडा

End Of Life Care Story: कहते हैं कि जिंदगी कैसे जी जाए, ये तो हर कोई सिखाता है, लेकिन 'अच्छी मौत' के बारे में कोई बात नहीं करता. मगर इंग्लैंड की रहने वाली 62 साल की बेलिंडा मार्क्स पिछले 40 सालों से लोगों को गरिमा और शांति के साथ मरने में मदद कर रही हैं. वे वेस्ट यॉर्कशायर के स्यू राइडर मैनरलैंड्स हॉस्पिस में वरिष्ठ नर्स और एडवांस क्लिनिकल प्रैक्टिशनर के रूप में कार्यरत हैं.

क्या है हॉस्पिस? (what is hospice care)

हॉस्पिस (hospice ka matlab) वह जगह होती है, जहां गंभीर रूप से बीमार और अंतिम स्टेज पर पहुंचे मरीजों को रखा जाता है. यहां उन्हें आरामदायक देखभाल, भावनात्मक सहारा और गरिमा के साथ अंतिम समय बिताने का अवसर दिया जाता है. बेलिंडा कहती हैं, हमारे पास आने वाले लोग अपने सबसे कठिन वक्त में होते हैं. अगर हम उनके चेहरे पर आखिरी समय में मुस्कान ला सकें, तो वही हमारे लिए सबसे बड़ा इनाम है.

बेलिंडा ने बताई मरीजों की आखिरी ख्वाहिशें (hospice mein kya hota hai)

बेलिंडा ने बताया कि कुछ मरीज मरने से पहले अपने पालतू जानवरों से मिलना चाहते हैं, तो कुछ शादी करना चाहते हैं. एक बार एक महिला ने इच्छा जताई कि मरते समय भी उसका मेकअप सही होना चाहिए, बेलिंडा ने वो भी पूरा किया. वो मानती हैं कि, अच्छी मौत भी तैयारी मांगती है, जैसे अच्छी जिंदगी. कई लोग तो अपने अंतिम संस्कार की प्लानिंग भी पहले से कर लेते हैं. कौन-सा गाना बजेगा, कौन आएगा, क्या पहनेंगे...सब कुछ तय कर लेते हैं.

मौत से डरती नहीं बेलिंडा (achhi maut kya hai)

बेलिंडा का कहना है कि उन्होंने हजारों लोगों को शांति से जाते देखा है, इसलिए अब उन्हें मौत से डर नहीं लगता. उनका मानना है कि मौत को भी उसी इज्जत से देखना चाहिए, जैसे जिंदगी को. वे खुद भी हेल्दी लाइफ जीने की कोशिश करती हैं. जिम जाती हैं, अच्छा खाती हैं, लेकिन सबसे जरूरी बात...वे वर्तमान में जीना जानती हैं.

मिला राष्ट्रीय सम्मान (inspirational nurse story)

बेलिंडा को उनके काम के लिए ब्रिटिश एम्पायर मेडल और 'क्वीन नर्स अवॉर्ड' जैसे सम्मान मिले हैं, लेकिन वो कहती हैं, 'मैं ये काम अवॉर्ड के लिए नहीं करती, मैं इसलिए करती हूं क्योंकि ये इंसानियत है.'

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