नई दिल्ली:
सादगी अन्ना हज़ारे की शख्सियत का एक मजबूत पक्ष रही है। रामलीला मैदान पर अपने अनशन के दौरान भी हज़ारे का यही पहलू नजर आया। वह अपने समर्थकों को संबोधित करने के बाद मंच के ठीक पीछे बनाई गई चार गुणा छह फुट की छोटी सी जगह में सोते थे। हज़ारे ने 12 दिन के उपवास के बाद रविवार की सुबह आखिरकार अपना अनशन तोड़ दिया। अनशन टूटते ही हज़ारे अस्पताल के लिये रवाना हो गये, लेकिन जिस मंच पर वह अपनी गिरती सेहत के बावजूद 10 दिन तक मजबूत इरादे के साथ डटे रहे, वहां मीडिया पहुंच गया। हज़ारे के करीबी कार्यकर्ताओं ने उस स्थान के बारे में बताया जहां हज़ारे दिन में कुछ वक्त गुजारते थे और रात को सोते थे। रामलीला मैदान पर बने मंच को दो हिस्सों में बांट दिया गया था। मंच के पीछे वाले हिस्से में सीढ़ियों के नजदीक चार गुणा छह फुट की जगह बनायी गयी थी, जिसमें हज़ारे के लिये एक छोटी चारपाई रखी हुई थी। चारपाई के पीछे तिरंगा लगाया गया था और वहां एक कूलर भी रखा था। हज़ारे रात के समय इसी छोटी सी जगह में सोते थे। वहां कोई टीवी नहीं था। हज़ारे को देश की हलचलों के बारे में अपने साथी कार्यकर्ताओं से ही पता चलता था। मंच के पीछे दाहिनी ओर निगरानी कक्ष बना था, जिसमें एक टीवी रखा था। इस टीवी के जरिये ही हज़ारे की कोर समिति के सदस्य खबरों पर नजर रखते थे। बाईं ओर भी एक कक्ष बना था, जिसमें बैठकें हुआ करती थीं और अतिविशिष्ट व्यक्ति वहीं इंतजार करते थे।
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