आवारा कुत्तों को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में बेहद अहम फैसला आया है. कोर्ट ने इस बात पर सहमति दी कि आवारा कुत्तों को भी भोजन का अधिकार है. कोर्ट ने कहा कि इंसानों के साथ रहने वाले कुत्तों को खिलाने का नागरिकों को अधिकार है. कोर्ट के इस फैसले से पशु प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई है. वेटनरी स्टूडेंट विभा तोमर ने तो इस फैसले को उनके लिए एक उपलब्धि की तरह माना है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने सड़क पर रह रहे आवारा कुत्तों को भोजन कराने के संबंध में दिशानिर्देश देते हुए कहा कि कुत्ता भी इंसानों के बीच रहने वाला जीव है. आवारा कुत्तों को उन स्थानों पर खिलाया जाना चाहिए, जहां आम जनता अक्सर नहीं आती है.
Delhi | Veterinary student Vibha Tomar feeds stray dogs daily.
— ANI (@ANI) July 3, 2021
"Delhi HC's order of right to food for dogs is an achievement for us. Like us, strays also require food. Places should be decided for feeding strays so that they get food without any conflict," she said (02.07) pic.twitter.com/nRGGvztgoL
वेटनरी कॉलेज की विभा तोमर एक प्राणी प्रेमी हैं और सड़क पर आवारा कुत्तों को भोजन उपलब्ध कराती हैं. विभा ने बताया कि हाई कोर्ट का ये फैसला बेहद अहम है. हमारी तरह इन्हें भी रहने, खाने का अधिकार है. विभा तोमर वेटरनरी की छात्रा हैं. वो रोजाना 500 से ज्यादा आवारा कुत्तों को भोजन खिला रहीं हैं. इसके अलावा विभा स्ट्रीट डॉग्स के लिए पुराने टायर की मदद से रहने की व्यवस्था भी करती हैं.
इंसानों के अलावा जानवरों को भी सुरक्षा की जरूरत महसूस होती है. ऐसे में कोर्ट का फैसला बेहद अहम है. विभा की ही तरह हजारों पशु व श्वास प्रेमी इस फैसले से झूम उठे हैं. वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो ये कह रहे हैं कि स्ट्रीट डॉग्स को भोजन देने के साथ-साथ ये सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि ये किसी को नुकसान न पहुंचाएं और दुर्घटनाओं का कारण न बनें.
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