विज्ञापन

33 साल में कितना बदला मोबाइल फोन, आनंद महिंद्रा ने शेयर किया Video, लोगों ने बदलती तकनीक पर ज़ाहिर की चिंता

आनंद महिंद्रा के नए पोस्ट ने लोगों में चिंता पैदा कर दी है. आनंद महिंद्रा के यह पोस्ट मोबाइल फोन के विकास पर बेस्ड है.  

33 साल में कितना बदला मोबाइल फोन, आनंद महिंद्रा ने शेयर किया Video, लोगों ने बदलती तकनीक पर ज़ाहिर की चिंता
33 साल में कितना बदला मोबाइल फोन, आनंद महिंद्रा ने शेयर किया Video

महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के मालिक आनंद महिंद्रा एक बार फिर अपने सोशल मीडिया पोस्ट से चर्चा में हैं. आनंद महिंद्रा अकसर सोशल मीडिया पर समाज, राजनीति, खेल और तकनीकी आदि से जुड़े पोस्ट शेयर करते रहते हैं. आनंद महिंद्रा ने इस बार मोबाइल फोन के विकास पर एक वीडियो शेयर किया है. आनंद महिंद्रा ने यह वीडियो अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है और लोगों के लिए एक मैसेज भी छोड़ा है. इस वीडियो में मोबाइल फोन के 33 साल का इतिहास और इसका बदलता स्वरूप देखने को मिल रहा है. आनंद महिंद्रा ने अपने इस पोस्ट में एक कैप्शन भी दिया है, जिसमें वह इस तकनीकी विकास पर अपने विचार साझा कर रहे हैं. वहीं, हर बार की तरह इस बार भी लोगों ने आनंद महिंद्रा के पोस्ट को गंभीरता से लेकर इस पर प्रतिक्रिया दी है.

मोबाइल फोन का 33 साल पुराना इतिहास (Anand Mahindra shares Mobile Phone Evolution)
आनंद महिंद्रा ने अपने एक्स पोस्ट में मोबाइल फोन के विकास का जो वीडियो शेयर किया है, उसमें मोबाइल फोन का 1991 से 2024 तक का बदलता स्वरूप देखने को मिल रहा है. आप देखेंगे कि कैसे दुनिया ने कीपैड वाले मोबाइल फोन से आज स्मार्ट फोन की दुनिया में कदम रख लिया है. वहीं, आनंद महिंद्रा ने अपने पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, 'दिलचस्प, हां, मैंने इतने लंबे समय तक मोबाइल फोन के बदलते स्वरूप को अपनी आंखों से देखा है, लेकिन इस बात की गारंटी नहीं है कि मैं आने वाले लंबे समय तक यह भी देख सकूंगा कि सेलफोन को हमारे दिमाग में इंस्टॉल भी किया जाएगा'. अब लोग आनंद महिंद्रा के इस पोस्ट पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
 

पोस्ट पर लोगों के रिएक्शन (Anand Mahindra Post Viral On Mobile Phone Evolution )
आनंद महिंद्रा के इस पोस्ट पर कई लोगों ने इस बढ़ती टेक्नोलॉजी पर चिंता जाहिर की है. एक यूजर ने दार्शनिक मार्शल मैक्लुहान के तकनीकी पर विचार को शेयर किया है, जिसमें लिखा है, 'पहले हम अपने औजारों को आकार देते हैं और फिर हमारे औजार हमें आकार देते हैं. दूसरा यूजर लिखता है, 'ब्रिक्स से लेकर फ्लिप फोन और स्लीक AI-संचालित डिवाइस तक, हर नया आविष्कार होने से पहले अकल्पनीय लगता था, न्यूरल इम्प्लांट आज भविष्यवादी लग सकता है, लेकिन 20 साल पहले हमारे पास सुपर कंप्यूटर रखना भी सोच से परे लगता था, असली सवाल यह है, क्या हम तकनीक को नियंत्रित करेंगे, या ये हमें नियंत्रित करेगी? तीसरा यूजर लिखता है, 'मैं टेक्नोलॉजी से जुड़ा हूं, मैं समझता हूं कि सेल फोन कितनी तेजी से विकसित हुए हैं, जरा कल्पना करें कि जब यह हमारे दिमाग में इंस्टॉल किए जाएंगे, तो क्या होगा , तेज सोच या अंतहीन सूचनाएं? आगे एक डरावना और रोमांचक भविष्य नजर आता है'.

ये Video भी देखें:

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: