नई दिल्ली:
देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में इलाज के लिए आए गरीब परिवार पब्लिक टॉयलेट में रह रहे हैं। 45 साल की रामरती heart−valve बदलवाने के लिए उत्तर प्रदेश के हमीरपुर से आई हैं लेकिन एम्स के बाहर इस टॉयलट में दो हफ्ते से ऑपरेशन की डेट मिलने का इंतज़ार कर रही हैं। उसी के साथ हेमलता भी वहां रहती है जिसे ब्लड कैंसर है। एम्स में हर रोज 10 हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज होता है और करीब सवा तीन सौ ऑपरेशन होते हैं लेकिन यहां आने वाले मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा है कि लोगों को इलाज के लिए कुछ दिन से लेकर दो साल तक इंतजार करना पड़ता है जिनके पास पैसा है वो तो होटल या धर्मशाला में चले जाते हैं लेकिन एक बड़ा तबका ऐसा है जो गरीब है ऐसे में वो अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ फ्लाईओवर के नीचे सब−वे या फिर पेड़ों के नीचे रात गुजारता है।
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