मुंबई के घाटकोपर में चार मंजिला इमारत के ढहने से मलबे का ढेर लग गया जिसमें से एक व्यक्ति को निकालकर बचाया गया.
मुंबई:
चार मंजिल के भवन के ढहने पर मलबे के ढेर में दबे व्यक्ति के बचे होने की संभावना किसी को नहीं थी, लेकिन उसके मोबाइल फोन ने उसकी जान बचा ली. मुंबई के घाटकोपर में मंगलवार को हुए हादसे में यह हैरत में डालने वाला वाकया सामने आया.
मुंबई के घाटकोपर उपनगरीय इलाके में मंगलवार की सुबह भीषण हादसा हुआ. यहां एक चार मंजिला इमारत ढह गई जिससे 17 लोगों की मलबे में दबने से मौत हो गई. भवन के मलबे में 57 वर्षीय राजेश दोषी भी दबे हुए थे. उन्हें इस हादसे में उनके मोबाइल फोन ने बचा लिया. दस फुट से अधिक ऊंचे मलबे में तकरीबन 14 घंटे दबे रहने के दौरान राजेश ने अपने बेटे को फोन किया और मलबे में दबे होने की जानकारी दी.
यह भी पढ़ें - घाटकोपर में चार मंजिला इमारत गिरी, 17 की मौत, आरोपी शिवसेना नेता गिरफ्तार
दरअसल इमारत ढहने के कुछ मिनट पहले ही राजेश अपने बेटे दर्शन से फोन पर बात कर रहे थे. फोन कॉल के दौरान ही अचानक बिल्डिंग गिर गई. इसके बाद कॉल भी कट गया. उनके परिवार वालों को जब इस हादसे के बारे में पता चला तो उनके होश उड़ गए. इस बीच मलबे में राजेश बेहोश हो गए और उन्हें शाम को करीब चार बजे होश आया. होश आने पर राजेश ने खुद को मलबे के अंदर दबा पाया, लेकिन उनके आसपास थोड़ी खुली जगह थी. संयोग से राजेश के मोबाइल फोन में उस समय नेटवर्क मौजूद था और बैटरी भी डाउन नहीं हुई थी. उन्होंने अपने बेटे को फोन करके मलबे में दबे होने की जानकारी दी.
यह भी पढ़ें- घाटकोपर इमारत हादसा : अब तक 17 की मौत, 28 जख्मी, हिरासत में हादसे का मुख्य आरोपी
यह जानकारी मिलने के बाद बीएमसी के कर्मचारियों ने फायर ब्रिगेड के साथ मिलकर तेजी से राहत और बचाव का काम किया. मलबे से निकालने से पहले राजेश के पास तक पानी और केला पहुंचाया गया. देर रात 12 बजकर 40 मिनट पर उनको बाहर निकाल लिया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों के अनुसार राजेश को पैर के साथ-साथ शरीर में कई जगहों पर चोट आई हैं लेकिन वे खतरे से बाहर हैं.
VIDEO : हादसे में 17 की मौत
राजेश की पत्नी रीता दोषी ने बताया की मलबे में से फोन कॉल आने पर उनकी जान में जान आई. वे अपने आपको बहुत खुशकिस्मत मानती हैं. राजेश अब अस्पताल में भर्ती हैं और उनके पैर पर प्लास्टर लगा हुआ है.
मुंबई के घाटकोपर उपनगरीय इलाके में मंगलवार की सुबह भीषण हादसा हुआ. यहां एक चार मंजिला इमारत ढह गई जिससे 17 लोगों की मलबे में दबने से मौत हो गई. भवन के मलबे में 57 वर्षीय राजेश दोषी भी दबे हुए थे. उन्हें इस हादसे में उनके मोबाइल फोन ने बचा लिया. दस फुट से अधिक ऊंचे मलबे में तकरीबन 14 घंटे दबे रहने के दौरान राजेश ने अपने बेटे को फोन किया और मलबे में दबे होने की जानकारी दी.
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दरअसल इमारत ढहने के कुछ मिनट पहले ही राजेश अपने बेटे दर्शन से फोन पर बात कर रहे थे. फोन कॉल के दौरान ही अचानक बिल्डिंग गिर गई. इसके बाद कॉल भी कट गया. उनके परिवार वालों को जब इस हादसे के बारे में पता चला तो उनके होश उड़ गए. इस बीच मलबे में राजेश बेहोश हो गए और उन्हें शाम को करीब चार बजे होश आया. होश आने पर राजेश ने खुद को मलबे के अंदर दबा पाया, लेकिन उनके आसपास थोड़ी खुली जगह थी. संयोग से राजेश के मोबाइल फोन में उस समय नेटवर्क मौजूद था और बैटरी भी डाउन नहीं हुई थी. उन्होंने अपने बेटे को फोन करके मलबे में दबे होने की जानकारी दी.
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यह जानकारी मिलने के बाद बीएमसी के कर्मचारियों ने फायर ब्रिगेड के साथ मिलकर तेजी से राहत और बचाव का काम किया. मलबे से निकालने से पहले राजेश के पास तक पानी और केला पहुंचाया गया. देर रात 12 बजकर 40 मिनट पर उनको बाहर निकाल लिया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों के अनुसार राजेश को पैर के साथ-साथ शरीर में कई जगहों पर चोट आई हैं लेकिन वे खतरे से बाहर हैं.
VIDEO : हादसे में 17 की मौत
राजेश की पत्नी रीता दोषी ने बताया की मलबे में से फोन कॉल आने पर उनकी जान में जान आई. वे अपने आपको बहुत खुशकिस्मत मानती हैं. राजेश अब अस्पताल में भर्ती हैं और उनके पैर पर प्लास्टर लगा हुआ है.
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