प्रतीकात्मक फोटो
बेंगलुरू:
बेंगलुरू से एक चौंका देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक केंद्रीय मंत्री को एक कप ग्रीन टी के बदले चार लाख रुपए का बिल भेज दिया गया। दरअसल, बेंगलुरू इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने एक कप ग्रीन टी पी और उसके बाद उस टी का जो बिल उनके सामने आया, वो हैरान करने वाला था। नई दुनिया में प्रकाशित एक खबर के अनुसार गौड़ा के पास एक कप ग्रीन टी का जो बिल आया, वो पूरे चार लाख रुपए का था।
150 रुपए से ज्यादा का नहीं आता बिल
गौड़ा ने जानना चाहा है कि क्या बेंगलुरू इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ने एक कप चाय की कीमत चार लाख रुपए रखी है। दरअसल, गौड़ा खुद भी इस बिल देखकर हैरान थे। बिल को लेकर उन्होंने कहा कि 'मैं अक्सर सफर के दौरान एयरपोर्ट पर ग्रीन टी लेता हूं। आज से पहले कभी भी इसका बिल 150 रुपए से ज्यादा नहीं आया है। मगर, इस बार एक कप चाय की कीमत 4 लाख रुपए देखकर मैं हैरान रह गया।'
पहले भी इस तरह के फर्जीवाड़े का शिकार हो चुके हैं मंत्री
गौड़ा ने बताया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने एक कप चाय के बदले चार लाख रुपए का बिल मुझे भेज दिया। गौड़ा ने इस मामले में कर्नाटक सरकार से जांच की अपील की है। उप सचिव और दो अंडर सचिवों को मिलाकर कुल 14 अधिकारी इस मामले में अपने पद का दुरुपयोग करने के लिए जांच के दायरे में आ सकते हैं। एयरपोर्ट पर फर्जी बिल का ये पहला मामला नहीं है। बता दें, इससे पहले भी दो केंद्रीय मंत्री इस तरह के फर्जीवाड़े का शिकार हो चुके हैं, जिसमें अनंत कुमार और जीएम सिद्देश्वर का नाम मुख्य रूप से शामिल है।
150 रुपए से ज्यादा का नहीं आता बिल
गौड़ा ने जानना चाहा है कि क्या बेंगलुरू इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ने एक कप चाय की कीमत चार लाख रुपए रखी है। दरअसल, गौड़ा खुद भी इस बिल देखकर हैरान थे। बिल को लेकर उन्होंने कहा कि 'मैं अक्सर सफर के दौरान एयरपोर्ट पर ग्रीन टी लेता हूं। आज से पहले कभी भी इसका बिल 150 रुपए से ज्यादा नहीं आया है। मगर, इस बार एक कप चाय की कीमत 4 लाख रुपए देखकर मैं हैरान रह गया।'
पहले भी इस तरह के फर्जीवाड़े का शिकार हो चुके हैं मंत्री
गौड़ा ने बताया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने एक कप चाय के बदले चार लाख रुपए का बिल मुझे भेज दिया। गौड़ा ने इस मामले में कर्नाटक सरकार से जांच की अपील की है। उप सचिव और दो अंडर सचिवों को मिलाकर कुल 14 अधिकारी इस मामले में अपने पद का दुरुपयोग करने के लिए जांच के दायरे में आ सकते हैं। एयरपोर्ट पर फर्जी बिल का ये पहला मामला नहीं है। बता दें, इससे पहले भी दो केंद्रीय मंत्री इस तरह के फर्जीवाड़े का शिकार हो चुके हैं, जिसमें अनंत कुमार और जीएम सिद्देश्वर का नाम मुख्य रूप से शामिल है।
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