सागर:
जिले की राहतगढ तहसील के गांव त्यौदा की एक विवाहिता पर अत्याचार का ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर किसी का भी दिल दहल सकता है। इस मामले में पीड़िता ने जिस पर भी भरोसा किया उसी ने उसके साथ छल किया, हवस का शिकार बनाया और जब मन भर गया तो बेच दिया।
राहतगढ थाना के सूत्रों के मुताबिक सुनीता कुर्मी (परिवर्तित नाम) निवासी ग्राम मढदेवरा ने शिकायत की है कि उनकी ससुरालवाले शादी के समय से ही उसे दहेज लाने के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडित करते रहे हैं। उसका विवाह वर्ष 2005 में हिन्दू रीतिरिवाज के साथ आनंद कुर्मी, निवासी त्यौदा के साथ हुआ था।
पीडिता के मुताबिक उसके पति, जेठ, जेठानी व सास द्वारा उससे दहेज के रूप में एक लाख रुपये लाने की मांग की जाती रही। मांग पूरी नहीं करने पर उन्होंने उसे ‘सार’ (मवेशी बांधने का स्थान) में रहने को मजबूर किया। जहां पर ग्राम त्यौदा के ही निवासी आरोपी गुड्डू महाराज ने डरा-धमकाकर उससे दुराचार किया।
पुलिस को दिए बयान में पीड़िता ने बताया गया है कि तबीयत खराब होने पर उसका पति आनंद उसे इलाज के बहाने खुरई में अपने करीबी रिश्तेदार राम सिंह कुर्मी के घर छोड़ आया। पीड़िता करीब 20 दिन वहां रही इस दौरान राम सिंह व उनके दो पुत्रों नरेन्द्र व लोकेन्द्र ने भी उसके साथ दुराचार किया।
कुछ दिन बाद राम सिंह ने पीड़िता को ग्राम महूना के आरोपी द्वारका प्रसाद को 50 हजार रुपये में बेच दिया। द्वारका प्रसाद ने भी पीड़िता को ग्राम महुना ले जाकर उसके साथ जबरदस्ती दुराचार किया।
पीडिता ने शिकायत में बताया कि ग्राम महुना में उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो जाने पर द्वारका प्रसाद ने पीड़िता को मोटर साइकिल पर अपने पड़ोसी आरोपी खड़क सिंह के साथ इलाज के लिए खुरई भेज दिया लेकिन रास्ते में एकांत पाकर खड़क सिंह ने भी पीड़िता को अपनी हवस का शिकार बनाया और खुरई में इलाज कराकर उसे वापस द्वारका प्रसाद के पास छोड़ दिया।
पीड़िता के ग्राम महुना में होने की खबर पाकर उसका पिता राम किशन 28 जून 2012 को उसे घर ले आया। राहतगढ पुलिस के मुताबिक पीडिता की शिकायत पर आरोपी पति आनंद, जेठ नीरज, जेठानी उमाबाई, सास कलाबाई, गुड्डू महाराज, राम सिंह, लोकेन्द्र सिंह, नरेन्द्र, द्वारका प्रसाद व खड़क सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध किया है।
सोमवार को पुलिस ने इस मामले में द्वारका प्रसाद (26), खडक सिंह (42), राम सिंह (55) को गिरफ्तार कर लिया है।
राहतगढ थाना के सूत्रों के मुताबिक सुनीता कुर्मी (परिवर्तित नाम) निवासी ग्राम मढदेवरा ने शिकायत की है कि उनकी ससुरालवाले शादी के समय से ही उसे दहेज लाने के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडित करते रहे हैं। उसका विवाह वर्ष 2005 में हिन्दू रीतिरिवाज के साथ आनंद कुर्मी, निवासी त्यौदा के साथ हुआ था।
पीडिता के मुताबिक उसके पति, जेठ, जेठानी व सास द्वारा उससे दहेज के रूप में एक लाख रुपये लाने की मांग की जाती रही। मांग पूरी नहीं करने पर उन्होंने उसे ‘सार’ (मवेशी बांधने का स्थान) में रहने को मजबूर किया। जहां पर ग्राम त्यौदा के ही निवासी आरोपी गुड्डू महाराज ने डरा-धमकाकर उससे दुराचार किया।
पुलिस को दिए बयान में पीड़िता ने बताया गया है कि तबीयत खराब होने पर उसका पति आनंद उसे इलाज के बहाने खुरई में अपने करीबी रिश्तेदार राम सिंह कुर्मी के घर छोड़ आया। पीड़िता करीब 20 दिन वहां रही इस दौरान राम सिंह व उनके दो पुत्रों नरेन्द्र व लोकेन्द्र ने भी उसके साथ दुराचार किया।
कुछ दिन बाद राम सिंह ने पीड़िता को ग्राम महूना के आरोपी द्वारका प्रसाद को 50 हजार रुपये में बेच दिया। द्वारका प्रसाद ने भी पीड़िता को ग्राम महुना ले जाकर उसके साथ जबरदस्ती दुराचार किया।
पीडिता ने शिकायत में बताया कि ग्राम महुना में उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो जाने पर द्वारका प्रसाद ने पीड़िता को मोटर साइकिल पर अपने पड़ोसी आरोपी खड़क सिंह के साथ इलाज के लिए खुरई भेज दिया लेकिन रास्ते में एकांत पाकर खड़क सिंह ने भी पीड़िता को अपनी हवस का शिकार बनाया और खुरई में इलाज कराकर उसे वापस द्वारका प्रसाद के पास छोड़ दिया।
पीड़िता के ग्राम महुना में होने की खबर पाकर उसका पिता राम किशन 28 जून 2012 को उसे घर ले आया। राहतगढ पुलिस के मुताबिक पीडिता की शिकायत पर आरोपी पति आनंद, जेठ नीरज, जेठानी उमाबाई, सास कलाबाई, गुड्डू महाराज, राम सिंह, लोकेन्द्र सिंह, नरेन्द्र, द्वारका प्रसाद व खड़क सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध किया है।
सोमवार को पुलिस ने इस मामले में द्वारका प्रसाद (26), खडक सिंह (42), राम सिंह (55) को गिरफ्तार कर लिया है।
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