
60 year old hospitalized AI advice: अमेरिका में एक 60 वर्षीय व्यक्ति अपनी सेहत सुधारने के चक्कर में मौत के मुंह तक पहुंच गया. उसने इंटरनेट पर पढ़ा कि ज्यादा नमक (सोडियम क्लोराइड) सेहत के लिए नुकसानदायक है. समाधान खोजते-खोजते उसने चैटजीपीटी से पूछा कि नमक की जगह क्या इस्तेमाल किया जा सकता है. जवाब में उसे सोडियम ब्रोमाइड का नाम मिला, जिसे उसने बिना सोचे-समझे अपनाया.
तीन महीने तक खाता रहा जहर (ChatGPT wrong advice)
सोडियम ब्रोमाइड का इस्तेमाल 1900 के दशक की शुरुआत में कुछ दवाओं में किया जाता था, लेकिन ज्यादा मात्रा में यह जहरीला साबित होता है. यह बात बुजुर्ग को पता नहीं थी. उसने ऑनलाइन से यह केमिकल मंगाया और करीब तीन महीने तक अपने खाने में नमक की जगह इसका इस्तेमाल किया.
अस्पताल में भर्ती, अजीब लक्षण (toxic salt replacement)
धीरे-धीरे उसकी सेहत बिगड़ने लगी. उसे प्यास बहुत लगने लगी, लेकिन वह किसी के दिए पानी पर शक करने लगा. परिवार और डॉक्टरों को भी लगा कि शायद किसी ने उसे जहर दिया है. हालत इतनी खराब हुई कि उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. वहां डॉक्टरों को उसकी त्वचा पर दाने, भ्रम, डर और अजीबोगरीब सोच जैसे लक्षण दिखे.
मिली बीमारी का नाम- ब्रोमिज़्म (ChatGPT galat sala)
जांच में पता चला कि वह 'ब्रोमिज़्म' (sodium bromide poisoning) नाम की बीमारी से पीड़ित है, जो शरीर में सोडियम ब्रोमाइड के खतरनाक स्तर के कारण होती है. डॉक्टरों ने उसे तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स दिए, जिससे वह स्थिर हुआ और फिर उसे मानसिक स्वास्थ्य वार्ड में भर्ती किया गया.
AI पर आंख मूंदकर भरोसा खतरनाक (namak replacement toxic)
मेडिकल जर्नल में प्रकाशित इस केस स्टडी ने साफ कर दिया कि AI चैटबॉट से हेल्थ से जुड़ी सलाह लेना कितना खतरनाक हो सकता है. चैटजीपीटी ने क्लोराइड की जगह ब्रोमाइड के इस्तेमाल की जानकारी दी, जो शायद सफाई या इंडस्ट्रियल उपयोग के लिए थी, लेकिन खाने में लेना घातक निकला. विशेषज्ञों का कहना है कि पुराने समय में ब्रोमाइड का इस्तेमाल अनिद्रा और चिंता की दवाओं में होता था, लेकिन इसकी ज्यादा मात्रा सीधे दिमाग और शरीर को नुकसान पहुंचाती है.
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