केक भी कटा, घर भी सजा पर जन्मदिन किसी इंसान का नहीं बल्कि 26 साल के तोते 'मिट्ठू' का था। जन्मदिन मनाने आसपास के लोग भी पहुंचे। यह अनोखा जन्मदिन समारोह मराठापारा का था। वैसे तो अधिकांश घरों में लोग शौकिया तौर पर तोता पालते हैं, लेकिन मराठापारा के भोंसले परिवार ने 'मिट्ठू' को बेटे की तरह पालकर रखा है।
मिट्ठू के पालक चिंतामणिराव भोंसले बताते हैं कि 25 साल पहले जब वह नगरी में डिप्टी रेंजर के पद पर पदस्थ थे, तब एक दिन उनके क्वार्टर के सामने से एक कुत्ता अपने मुंह में तोते के बच्चे को दबाकर भाग रहा था। इस घटना को देखकर वह अपने आप को नहीं रोक पाए, उन्होंने तुरंत दौड़कर कुत्ते के मुंह से उस तोते को बचाया और घर लाकर उसका इलाज किया। जब वह नौकरी से तबादले में धमतरी आए तो साथ में मिट्ठू को भी ले आए थे। परिवार के अन्य सदस्यों की तरह मिट्ठू भी परिवार का एक सदस्य बन गया।
मिट्ठू को पूरे परिवार के लोग मिट्ठू बेटे के नाम से पुकारते हैं। घर में जब कोई बाहरी व्यक्ति घर में आता है तो मिट्ठू इंसान की तरह आवाज निकालकर घर के लोगों को बताता है कि बाहर कोई आया है। मिट्ठू भोंसले को पापा और उनकी पत्नी को मम्मी कहकर पुकारता है। जब मिट्ठू उनके घर आया उसी साल भोंसले परिवार में एक बेटे का भी जन्म हुआ था। तब से परिवार मिट्ठू को भी अपने बच्चों की तरह पाल रहा है।
इस साल अप्रैल महीने में भोंसले परिवार में एक नहीं दो बच्चों का जन्मदिन मनाया गया, जिसमें एक मिट्ठू भी शामिल था। गुरुवार को मिट्ठू के जन्मदिन पर पूरे घर को सजाया गया, केक काटा गया और आसपास के लोग भी इस खुशी में सहभागी बने और कुछ इस तरह से मना तोते मिट्ठू का जन्मदिन।
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