2007 के मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में स्वामी असीमानंद बरी.
नई दिल्ली:
2007 Mecca Masjid Blasts से जुड़े मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने स्वामी असीमानंद समेत सभी 5 आरोपियों को बरी कर दिया है. आपको बता दें कि हैदराबाद में 18 मई 2007 को जुमे की नमाज के दौरान मक्का मस्जिद में एक ब्लास्ट हुआ था. इस विस्फोट में नौ लोगों की मौत हुई थी, जबकि 58 लोग घायल हुए थे. स्थानीय पुलिस की शुरुआती छानबीन के बाद मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया. इस केस की सुनवाई के दौरान 160 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे. सीबीआई ने एक आरोपपत्र दाखिल किया. इसके बाद 2011 में सीबीआई से यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के पास गया. मस्जिद में ब्लास्ट मामले में स्वामी असीमानंद का भी नाम था. आइए जानते हैं कौन हैं स्वामी असीमानंद
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कौन हैं स्वामी असीमानंद
69 वर्षीय स्वामी असीमानंद का असली नाम नबकुमार सरकार है. उनका जन्म पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में हुआ था. बचपन से ही असीमानंद राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ यानी आरएसएस से जुड़ गए थे.
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उनसे जुड़ी खास बातें-
* असीमानंद ने फिजिक्स में ग्रेज्युएशन की है.
* 1977 में वो RSS के प्रचारक बन गए.
* उनके गुरु स्वामी परमानंद ने उनका नाम स्वामी असीमानंद रखा.
* 1988 तक असीमानंद अपने गुरु के साथ ही रहे.
* जिसके बाद असीमानंद अंडमान निकोबार में वनवासी कल्याण आश्रम की देख रेख करने चले गए.
* 1993 में वापस लौटे और गुजरात के आदिवासियों के लिए कल्याण का काम किया.
* रामायण की सबरी की कहानी से प्रभावित होकर उन्होंने सबरी मंदिर बनवाया.
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2006 में हुए अजमेर शरीफ की मक्का मस्जिद और 2007 में समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट मामले में असीमानंद को मुख्य आरोपी माना. नवंबर 2010 में उन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया और 24 दिसंबर 2010 को एनआईए को सौप दिया.
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कौन हैं स्वामी असीमानंद
69 वर्षीय स्वामी असीमानंद का असली नाम नबकुमार सरकार है. उनका जन्म पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में हुआ था. बचपन से ही असीमानंद राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ यानी आरएसएस से जुड़ गए थे.
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उनसे जुड़ी खास बातें-
* असीमानंद ने फिजिक्स में ग्रेज्युएशन की है.
* 1977 में वो RSS के प्रचारक बन गए.
* उनके गुरु स्वामी परमानंद ने उनका नाम स्वामी असीमानंद रखा.
* 1988 तक असीमानंद अपने गुरु के साथ ही रहे.
* जिसके बाद असीमानंद अंडमान निकोबार में वनवासी कल्याण आश्रम की देख रेख करने चले गए.
* 1993 में वापस लौटे और गुजरात के आदिवासियों के लिए कल्याण का काम किया.
* रामायण की सबरी की कहानी से प्रभावित होकर उन्होंने सबरी मंदिर बनवाया.
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2006 में हुए अजमेर शरीफ की मक्का मस्जिद और 2007 में समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट मामले में असीमानंद को मुख्य आरोपी माना. नवंबर 2010 में उन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया और 24 दिसंबर 2010 को एनआईए को सौप दिया.
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