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This Article is From May 09, 2016

16 साल पहले एक फिल्म आई थी जिसमें साथ थे 'राहुल मोदी'...

16 साल पहले एक फिल्म आई थी जिसमें साथ थे 'राहुल मोदी'...
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
यूं तो भारत में 1700 से भी ज्यादा राजनीतिक पार्टियों ने अपना डेरा जमा रखा है लेकिन कुछ ही पार्टी और कुछ ही नेता ऐसे हैं जिनकी चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर होती है। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ऐसी ही दो पार्टियां हैं जिनका नाता शुरू से ही उत्तर और दक्षिण ध्रुव जैसा रहा है। कांग्रेस बाएं जाएगी तो बीजेपी को दाएं जाना ही है, सिवाय सांसदों के वेतन वृद्धि जैसे मुद्दों को छोड़कर दोनों ही पार्टियां एक दूसरे से सहमत होती कम ही दिखती हैं।

इसी पार्टी के दो नेता कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बयानबाज़ी की खबरों को मीडिया में बड़ी जगह दी जाती है। इस बीच अगर कभी दोनों ने सार्वजनिक मंच पर हाथ मिला लिया तो इसे भी चटकारे लेकर पढ़ा जाता है। विचारधाराओं में इतनी भिन्नता के बावजूद क्या आपको पता है 16 साल पहले एक ऐसी फिल्म आई थी जिसमें 'राहुल-मोदी' वाकई में एक साथ थे...

साल 2000 की वह फिल्म
बगैर और पहेली बुझाए हम बता दें कि उस फिल्म का नाम था 'क्या कहना' जिसमें प्रीति ज़िंटा, सैफ अली ख़ान और चंद्र चूड़ सिंह मुख्य भूमिका में थे। साल 2000 में आई इस फिल्म की सबसे मज़ेदार बाद यह है कि इसमें सैफ अली ख़ान के किरदार का नाम 'राहुल मोदी' था। उस वक्त तो इस ओर ध्यान किसी का नहीं गया लेकिन अब इस फिल्म को देखते वक्त यह नाम होठों पर मुस्कान ले आता है। यह फिल्म बनाई थी निर्देशक कुंदन शाह ने जिनकी 'जाने भी दो यारों' को किसी परिचय की जरूरत नहीं है।
 

यह कहना शायद गलत होगा कि कुंदन शाह ने बड़ी दूरदर्शिता के साथ यह नाम रखा होगा। फिल्म आई थी साल 2000 में तब जब नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री की कुर्सी भी नहीं संभाली थी। जहां तक राहुल का सवाल है तो उस वक्त तो सोनिया गांधी ने ही कांग्रेस की कमान नई नई संभाली थी। यानि फिल्म में सैफ अली खान का नाम 'राहुल मोदी' होना एक संयोग भर है लेकिन अब जब किसी टीवी चैनल पर इस फिल्म को दिखाया जाता है तो यह नाम सुनकर बरबस ही हंसी छूट जाती है। इस बात पर हमारी नज़र कॉमेडियन कनन गिल के यूट्यूब चैनल के ज़रिए गई जिसमें वह अलग अलग फिल्मों के मज़ेदार रिव्यू करते हैं।
 

चलते चलते एक जानकारी ओर...कुंदन शाह अपनी फिल्मों में नाम को लेकर काफी प्रयोग करते लगते हैं। उनकी फिल्म जाने भी दो यारों में विवेक वासवानी और नसीरुद्दीन शाह का नाम सुधीर मिश्रा और विनोद चोपड़ा था। बता दें कि सुधीर मिश्रा और विनोद चोपड़ा दोनों ही मौजूदा सिनेमा के नामी निर्देशक हैं और शाह की इस फिल्म में दोनों ने उनके सहायक के तौर पर काम किया था। सुधीर मिश्रा फिल्म के स्क्रीनराइटर थे और विधू विनोद चोपड़ा ने प्रोडक्शन का काम संभाला था।

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