
पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की बेटी बख्तावर भुट्टो जरदारी को उनके पिता और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के को-चेयरमैन आसिफ अली जरदारी राजनीति में लॉन्च करने की तैयारी में हैं।
बेनजीर की पाकिस्तान में आतंकवादी घटना में हत्या हो जाने के बाद पार्टी की कमान उनके पति आसिफ अली जरदारी ने संभाली थी। बेनजीर की राजनीति में पकड़ का ही नतीजा रहा था कि कभी सालों तक भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में सजा काट चुके आसिफ जरदारी पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने थे।
इसके बाद बेटे बिलावल को कमान सौंपी गई, लेकिन पिता और बेटे के बीच मतभेद इतने गहरे हो गए कि वह वापस इंग्लैंड लौट गए।
बिलावल भुट्टो जरदारी अपनी मां और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की बरसी के लिए पाकिस्तान नहीं आए, जिससे उन खबरों को और बल मिला कि उनके अपने पिता आसिफ अली जरदारी से गहरे मतभेद चल रहे हैं।
हालांकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह अध्यक्ष जरदारी अपने बेटे को मनाने के लिए लंदन गए थे, ताकि वह बरसी के मौके पर सिंध प्रांत के गढ़ी खुदा बख्श में होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लें, लेकिन जरदारी अपनी कोशिश में असफल रहे और बिलावल के बिना ही कार्यक्रम संपन्न हुआ।
पीपीपी के एक नेता ने बताया था कि आसिफ जरदारी और बिलावल भुट्टो के बीच पार्टी के मामलों को लेकर मतभेद शुरू हुए थे। बिलावल ने जरदारी से सलाह लिए बिना जहांगीर बदर और बशीर रियाज को क्रमश: अपना राजनीतिक सलाहकार एवं प्रेस सचिव नियुक्त किया था।
हालांकि जरदारी ने बिलावल के इस कदम का विरोध नहीं किया था। उन्होंने अपने बेटे से कहा था कि उसके पूरी तरह तैयार होने के बाद ही उसे पार्टी के संचालन में पूरी आजादी दी जाएगी। लेकिन बिलावल अपने तरीके से पार्टी को चलाना चाहते थे।
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