इस्लामाबाद : मुंबई में हुए 26/11 हमले के मास्टरमाइंड ज़की-उर-रहमान लखवी को जेल से रिहा किए जाने को पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। पाकिस्तान में पंजाब प्रांत की सरकार ने अपनी याचिका में आग्रह किया है कि लखवी को फिर हिरासत में लिया जाना चाहिए।
पिछले सप्ताह पाक की एक अदालत ने छह साल से जेल में बंद ज़की-उर-रहमान लखवी की हिरासत को 'गैरकानूनी' करार दिया था, जिसके बाद शनिवार को उसे रिहा कर दिया गया था, जिसकी दुनियाभर में कड़ी निंदा की गई।
अमेरिका ने लखवी की रिहाई को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की, जबकि इस्राइल ने इसे 'आतंकवाद के खिलाफ युद्ध के लिए जारी अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को जोरदार झटका' करार दिया। भारत ने भी इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए इसे द्विपक्षीय संबंधों के लिए 'सबसे नकारात्मक घटनाक्रम' करार दिया।
26/11 का मास्टरमाइंड 55-वर्षीय लखवी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर है, और उस पर मुंबई में हुए हमले के दौरान 10 बंदूकधारी आतंकियों को पाकिस्तान स्थित कंट्रोल रूम से संचालित करने का आरोप है। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे।
लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक तथा जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज़ सईद के करीबी रिश्तेदार लखवी को मुंबई में वर्ष 2008 में हुए हमले के कुछ महीने बाद वर्ष 2009 में छह अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले की सुनवाई में तब से कोई खास प्रगति नहीं हुई है, इसलिए शनिवार को लखवी को रिहा कर दिए जाने के बाद इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को आतंकवाद-रोधी अदालत को चेतावनी दी थी कि उसे मामले की सुनवाई दो महीने में पूरी कर लेनी होगी, वरना लखवी की जमानत रद्द कर दी जाएगी।
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