सना:
यमन में सैन्य विद्रोहियों के समर्थन से हजारों प्रदर्शनकारियों ने रिपब्लिकन गार्ड के एक शिविर पर कब्जा जमा लिया, जिससे मुश्किल में पड़े राष्ट्रपति की देश पर पकड़ और कमजोर हो गई है। राजधानी में राष्ट्रपति के बलों ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसाईं, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इसकी निंदा की है। प्रत्यक्षदर्शियों और सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, सेना की एक टुकड़ी के प्रदर्शनकारियों से जा मिलने के बाद रिपब्लिकन गार्ड के शिविर को एक भी गोली चलाए बिना कब्जे में कर लिया गया। हालांकि शिविर के अंदर से गोलीबारी होने की आशंका से प्रदर्शनकारियों ने सैंडबैग्स से बचाव का इंतजाम किया था, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और रिपब्लिकन गार्ड अपने हथियारों को छोड़कर भाग खड़े हुए। यह शिविर बहुत बड़ा नहीं है और रिपब्लिकन गार्ड के इससे बड़े शिविर राजधानी तथा देश के अन्य हिस्सों में मौजूद हैं, लेकिन इस घटना से प्रदर्शनकारियों के हौसले काफी बढ़े हैं। यह राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह के 33 साल पुराने शासन के अंत की शुरुआत हो सकती है।
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