यदि आप सोचते हैं कि मौसम का पूर्वानुमान, जानकारी, पूर्व सूचना, चेतावनी आदि आधुनिक तकनीक और नए जमाने की बात है, तो आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मौसम का अनुमान करीब 3,500 साल पहले प्राचीन मिस्र में भी किया जाता था।
मिस्र में टेंपेस्ट स्टेला नाम से जाने जाने वाले छह फीट ऊंचे शिलालेख में खुदी 40 पंक्तियों में वर्षा, रात्रि, और बिना रुके कई दिनों तक तूफानी चक्रवात का जिक्र है, जिसका पता नए अनुवाद से पता चला है।
शिलालेख से प्राचीन मध्यपूर्व में घटित कालक्रमों के नए साक्ष्य मिलने की उम्मीद है।
शिकागो यूनिवर्सिटी के ओरिएंटल इंस्टीट्यूट के दो विचारकों नादिन मोएलर एवं रॉबर्ट रिटनर का मानना है कि शिलालेख में असामान्य मौसम की जानकारियां खुदी हैं जो कि बाद में भयंकर थेरा ज्वालामुखी विस्फोट का कारण थीं, जिसके परिणामस्वरूप आज के भूमध्यसागर में सेंटोरिनी द्वीप बना है।
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