
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं.अंतरिम सरकार के मुखिया और सेना के बीच तनाव की खबरें भी सुर्खियां बटोर रही हैं. ऐसे में सवाल है कि क्या बांग्लादेश के बार फिर सत्ता परिवर्तन और तख्तापलट की ओर बढ़ रहा है. ढाका में सत्ता की रस्साकशी अपने चरम पर है और इसके केंद्र में हैं अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस और सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान. क्या है ये 'ब्लडी कॉरिडोर' विवाद, जिसने सेना को भड़का दिया? क्या यूनुस का इस्तीफा तय है? और क्या बांग्लादेश में फिर से तख्तापलट की आहट सुनाई दे रही है? आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि ढाका में सत्ता की ये जंग किस दिशा में जा रही है?
बांग्लादेश में सियासी अस्थिरता
पिछले साल अगस्त में शेख हसीना को सत्ता छोड़कर भारत भागना पड़ा था. इसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया. लेकिन अब यूनुस चारों ओर से घिरते नजर आ रहे हैं. सेना, विपक्षी दल जैसे बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी, और यहां तक कि उनके अपने समर्थक भी उनसे नाखुश हैं. BNP ने तो यूनुस के कुछ सलाहकारों तक को हटाने की मांग की है. साथ ही, देश में कानून-व्यवस्था भी बिगड़ रही है, और अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ रहे हैं, जिससे यूनुस की सरकार पर सवाल उठ रहे हैं.
यूनुस Vs सेना : टकराव की जड़
सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान और यूनुस के बीच तनाव चरम पर है. जनरल वकार ने यूनुस को साफ संदेश दिए हैं कि...
जल्द चुनाव कराएं : जनरल वकार ने कहा है कि दिसंबर 2025 तक आम चुनाव होने चाहिए, क्योंकि केवल चुनी हुई सरकार ही देश का भविष्य तय कर सकती है. यूनुस ने पहले संकेत दिया था कि चुनाव 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में हो सकते हैं, जो सेना को मंजूर नहीं.
सैन्य मामलों में दखल बंद करें : यूनुस की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार खलीलुर रहमान की नियुक्ति, वो भी जनरल वकार की अनुपस्थिति में, इसने भी सेना को नाराज किया है. खलीलुर रहमान पर अमेरिकी प्रभाव के आरोप हैं और वहां की सेना इसे अपनी स्वायत्तता पर हमला मान रही है.
'ब्लडी कॉरिडोर' पर रोक : यूनुस ने म्यांमार के राखाइन प्रांत के लिए एक मानवीय कॉरिडोर प्रस्तावित किया था, जिसे जनरल वकार ने 'ब्लडी कॉरिडोर' करार देकर खारिज कर दिया. उनका कहना है कि ये बांग्लादेश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरा है. जनरल वकार ने साफ कहा है कि सेना अब अराजकता या भीड़ हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी. सूत्रों के मुताबिक, सेना पूरी तरह जनरल वकार के साथ है ये बात भी बांग्लादेश में बड़े टकराव की ओर इशारा कर रहा है.
'ब्लडी कॉरिडोर' क्या है?
'ब्लडी कॉरिडोर' का विवाद म्यांमार के राखाइन प्रांत से जुड़ा है. यूनुस सरकार ने प्रस्ताव दिया था कि बांग्लादेश से राखाइन तक मानवीय सहायता, जैसे भोजन और दवाइयां, पहुंचाने के लिए एक कॉरिडोर बनाया जाए. लेकिन जनरल वकार ने इसे 'ब्लडी कॉरिडोर' का नाम देकर खारिज कर दिया. उनका कहना है कि इससे क्षेत्रीय अस्थिरता और इस्लामी चरमपंथ का खतरा बढ़ सकता है. सेना का मानना है कि ये कॉरिडोर बांग्लादेश की राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर कर सकता है, खासकर जब यूनुस की विदेश नीति में चीन और पाकिस्तान के साथ बढ़ती नजदीकिया सेना को चिंतित कर रही हैं.
यूनुस के इस्तीफे की अटकलें
यूनुस के इस्तीफे की खबरें भी जोर पकड़ने लगी हैं, उन्होंने एक बैठक में कहा, "मैं बंधक जैसा महसूस कर रहा हूं. बिना राजनीतिक समर्थन के इस पद पर रहने का कोई मतलब नहीं." ये बयान तब आया, जब सेना और BNP जैसे विपक्षी दल उन पर दबाव बढ़ा रहे हैं. इसके अलावा, यूनुस पर विदेशी ताकतों, खासकर अमेरिका, चीन, और पाकिस्तान, के इशारे पर काम करने के आरोप भी लग रहे हैं, जिससे उनकी स्थिति और कमजोर हो रही है.
बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पर जल्द चुनाव कराने का भारी दबाव है. सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान के साथ बढ़ता टकराव, 'ब्लडी कॉरिडोर' का विवाद, और शेख हसीना की संभावित वापसी की चर्चाएं ढाका को सियासी भंवर में धकेल रही हैं. क्या यूनुस अपनी कुर्सी बचा पाएंगे, या बांग्लादेश में फिर से तख्तापलट की आहट है? ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
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