नई दिल्ली:
मलेशिया दौरे के दूसरे दिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्वालालंपुर स्थित मलेशिया इंटरनेशनल कल्चरल सेंटर में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने का आह्वान किया।
आतंकवाद को धर्म को अलग करना होगा
आतंकवाद को दुनिया का सबसे बड़ा खतरा बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसे धर्म से अलग करने होगा और दुनिया को एकजुट होकर 'राजनीतिक संतुलन' का विचार किए बिना इसका मुकाबला करने होगा। उन्होंने साथ ही पाकिस्तान का नाम लिए बिना यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि कोई देश आतंकवाद का इस्तेमाल, समर्थन या प्रोत्साहन नहीं करने पाए।
धर्म का नाम लेकर सभी धर्मों के लोगों को निशाना बनाता है आतंकवाद
पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, 'आतंकवाद आज दुनिया का सबसे बड़ा खतरा बन गया है। इसकी कोई सीमा नहीं है और यह धर्म का नाम लेकर लोगों का अपने लिए इस्तेमाल करता है। लेकिन यह सभी धर्मों के लोगों की हत्या करता है। हमें आतंकवाद से धर्म को अलग करना होगा। विभेद केवल यह होना चाहिए कि कौन लोग मानवता में विश्वास रखते हैं और कौन लोग इसमें नहीं रखते हैं।'
आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को एकसाथ आना होगा
उन्होंने कहा, 'हमारे समय की इस सबसे बड़ी चुनौती का सामना करने के लिए दुनिया को एकसाथ आना होगा। हम अपने खुफिया तंत्र की सूचनाओं का आदान प्रदान कर सकते हैं, हम सेनाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं, हम कानूनी व्यवस्था में सहयोग कर सकते हैं... लेकिन जब मैं कहता हूं कि दुनिया को इसके खिलाफ एकसाथ आना चाहिए तब यह केवल सुरक्षा सहयोग तक ही सीमित नहीं होता है, बल्कि इसका आशय यह सुनिश्चित करना होता है कि कोई भी देश आतंकवाद का इस्तेमाल न करे और न ही इसे प्रोत्साहित करे।' प्रधानमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि इंटरनेट आतंकवादियों की भर्ती का जरिया नहीं बनने पाए।
पीएम मोदी ने मलेशिया में बसे भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए हुए कहा कि 'भारत सिर्फ अपनी भौगोलिक सीमाओं तक ही सीमित नहीं है। दुनिया में हर भारतीय के भीतर भारत बसा हुआ है।'
मलय भारतीयों के लिए मेरे दिल में एक खास जगह
पीएम ने मलय भारतीयों की सराहना करते हुए कहा, 'भारत और मलेशिया कभी एक ही देश के उपनिवेश थे। मलय भारतीयों के लिए मेरे दिल में हमेशा एक खास जगह रही है। सदियों पहले आपके पुरखे यहां आए। आजादी की लड़ाई में उनका बड़ा योगदान रहा। आपके पुरखों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस का साथ दिया। आपके हजारों पुरखे आजाद हिंद फौज में शामिल हुए। मलय भारतीयों ने मलेशिया में अपनी खास पहचान बनाई है। आपके दिल में भारत की आत्मा बरती है। मलय भारतीय मलेशिया और भारत के बीच सेतु हैं। आपने मलेशिया को इकोनॉमिक पावरहाउस बनाया है।'
नेताजी के नाम पर होगा क्वालालंपुर का इंडियन कल्चरल सेंटर
इस अवसर पर पीएम ने घोषणा की कि क्वालालंपुर का इंडियन कल्चरल सेंटर नेताजी के नाम पर होगा। इसके साथ ही पीएम ने कहा, आजादी की लड़ाई में मलय भारतीय आगे रहे। उनके लिए वार मेमोरियल बनाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने मलय छात्रों के लिए दस लाख डॉलर के ग्रांट की घोषणा की।
इससे पहले पीएम ने यहां स्वामी विवेकानंद की मूर्ति का अनावरण किया। इस अवसर पर पीएम ने कहा कि विवेकानंद भारत की आत्मा की पहचान हैं। हमारी विरासत विवेक से विवेकानंद तक है। बता दें कि प्रधानमंत्री आसियान और पूर्वी एशिया समिट के लिए कुआलालंपुर में हैं और यह समिट 27 नवंबर तक चलेगा। (एजेंसी इनपुट के साथ)
आतंकवाद को धर्म को अलग करना होगा
आतंकवाद को दुनिया का सबसे बड़ा खतरा बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसे धर्म से अलग करने होगा और दुनिया को एकजुट होकर 'राजनीतिक संतुलन' का विचार किए बिना इसका मुकाबला करने होगा। उन्होंने साथ ही पाकिस्तान का नाम लिए बिना यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि कोई देश आतंकवाद का इस्तेमाल, समर्थन या प्रोत्साहन नहीं करने पाए।
धर्म का नाम लेकर सभी धर्मों के लोगों को निशाना बनाता है आतंकवाद
पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, 'आतंकवाद आज दुनिया का सबसे बड़ा खतरा बन गया है। इसकी कोई सीमा नहीं है और यह धर्म का नाम लेकर लोगों का अपने लिए इस्तेमाल करता है। लेकिन यह सभी धर्मों के लोगों की हत्या करता है। हमें आतंकवाद से धर्म को अलग करना होगा। विभेद केवल यह होना चाहिए कि कौन लोग मानवता में विश्वास रखते हैं और कौन लोग इसमें नहीं रखते हैं।'
आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को एकसाथ आना होगा
उन्होंने कहा, 'हमारे समय की इस सबसे बड़ी चुनौती का सामना करने के लिए दुनिया को एकसाथ आना होगा। हम अपने खुफिया तंत्र की सूचनाओं का आदान प्रदान कर सकते हैं, हम सेनाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं, हम कानूनी व्यवस्था में सहयोग कर सकते हैं... लेकिन जब मैं कहता हूं कि दुनिया को इसके खिलाफ एकसाथ आना चाहिए तब यह केवल सुरक्षा सहयोग तक ही सीमित नहीं होता है, बल्कि इसका आशय यह सुनिश्चित करना होता है कि कोई भी देश आतंकवाद का इस्तेमाल न करे और न ही इसे प्रोत्साहित करे।' प्रधानमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि इंटरनेट आतंकवादियों की भर्ती का जरिया नहीं बनने पाए।
पीएम मोदी ने मलेशिया में बसे भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए हुए कहा कि 'भारत सिर्फ अपनी भौगोलिक सीमाओं तक ही सीमित नहीं है। दुनिया में हर भारतीय के भीतर भारत बसा हुआ है।'
मलय भारतीयों के लिए मेरे दिल में एक खास जगह
पीएम ने मलय भारतीयों की सराहना करते हुए कहा, 'भारत और मलेशिया कभी एक ही देश के उपनिवेश थे। मलय भारतीयों के लिए मेरे दिल में हमेशा एक खास जगह रही है। सदियों पहले आपके पुरखे यहां आए। आजादी की लड़ाई में उनका बड़ा योगदान रहा। आपके पुरखों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस का साथ दिया। आपके हजारों पुरखे आजाद हिंद फौज में शामिल हुए। मलय भारतीयों ने मलेशिया में अपनी खास पहचान बनाई है। आपके दिल में भारत की आत्मा बरती है। मलय भारतीय मलेशिया और भारत के बीच सेतु हैं। आपने मलेशिया को इकोनॉमिक पावरहाउस बनाया है।'
नेताजी के नाम पर होगा क्वालालंपुर का इंडियन कल्चरल सेंटर
इस अवसर पर पीएम ने घोषणा की कि क्वालालंपुर का इंडियन कल्चरल सेंटर नेताजी के नाम पर होगा। इसके साथ ही पीएम ने कहा, आजादी की लड़ाई में मलय भारतीय आगे रहे। उनके लिए वार मेमोरियल बनाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने मलय छात्रों के लिए दस लाख डॉलर के ग्रांट की घोषणा की।
इससे पहले पीएम ने यहां स्वामी विवेकानंद की मूर्ति का अनावरण किया। इस अवसर पर पीएम ने कहा कि विवेकानंद भारत की आत्मा की पहचान हैं। हमारी विरासत विवेक से विवेकानंद तक है। बता दें कि प्रधानमंत्री आसियान और पूर्वी एशिया समिट के लिए कुआलालंपुर में हैं और यह समिट 27 नवंबर तक चलेगा। (एजेंसी इनपुट के साथ)