विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने स्वीकार किया है कि पश्चिम अफ्रीका में फैले इबोला को रोकने में नाकाम रहने का एक कारक यह भी है कि उसकी तरफ से पर्याप्त प्रयास नहीं किए गए। इसके लिए स्टाफ के पास दक्षता तथा सूचना की कमी जैसे कारण जिम्मेदार हैं।
डब्ल्यूएचओ ने एक आंतरिक मसौदा दस्तावेज में कहा है कि इसके प्रसार को रोकने के काम में शामिल हर कोई व्यक्ति पर्याप्त कदम उठाने में विफल रहा। इसने जिक्र किया कि विशेषज्ञों को महसूस करना चाहिए था कि पारंपरिक उपाय इस मामले में कारगर साबित नहीं होंगे।
संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने स्वीकार किया कि कभी कभी इसकी खुद की नौकरशाही भी एक समस्या बन जाती है। इसने उल्लेख किया कि डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. लुई सांबो द्वारा अफ्रीकी देशों में डब्ल्यूएचओ के कार्यालय प्रमुखों की नियुक्तियां 'राजनीति से प्रेरित' होती हैं जो जिनेवा में एजेंसी के प्रमुख डॉ. मार्गरेट चान के प्रति जवाबदेह नहीं होता।
इबोला विषाणु के सह अन्वेषक डॉ. पीटर पियोट ने आज साक्षात्कार में इस बात पर सहमति जताई कि डब्ल्यूएचओ ने खासकर इसके अफ्रीका कार्यालय की वजह से काफी धीमी कार्रवाई की।
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