वाशिंगटन:
न्यू जर्सी स्थित शिक्षण संस्थान के आठ अधिकारियों को वीजा धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया गया और संघीय अधिकारियों ने ज्यादातर छात्रों, विशेषकर भारतीय छात्रों को पढ़ाई जारी रखने या वापस लौटने जैसे कई विकल्प दिए हैं।
पिछले साल ट्राई वैली विश्वविद्यालय में हुए ऐसे मामले पर नई दिल्ली की ‘तीक्ष्ण प्रतिक्रिया’ को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने कल छात्रों को अपनी पढ़ाई जारी रखने और देश वापसी का विकल्प दिया।
यह मामला ट्राई वैली विश्वविद्यालय के मामले से भिन्न है, जहां जालसाजी को लेकर छात्र गिरफ्तार किए गए थे और उन्हें रेडियो टैग लगा कर रखा गया था।
यहां न्यू जर्सी स्थित अमेरिकी स्वास्थ्य और तकनीक संस्थान (एएचटीआई) और विजन कैरियर कंसल्टैंट्स यूएसए इंक के अधिकारियों को पकड़ा गया है, जो भारतीय - विदेशी छात्रों को एएचटीआई में प्रवेश कराने में मदद करते थे।
पंद्रह साल पुराने एएचटीआई में करीब 200 विदेशी छात्र हैं। इनमें ज्यादातर छात्र भारतीय हैं। एएचटीआई से बातचीत का प्रयास करने पर कोई जवाब नहीं मिला। इसकी वेबसाइट के अनुसार, शिक्षा विभाग, न्यू जर्सी श्रम विभाग और वर्कफोर्स न्यू जर्सी से एएचटीआई को न्यू जर्सी में अपना संस्थान चलाने की इजाजत मिली है। एएचटीआई को अमेरिकी सरकार ने गैर अप्रवासी विदेशी छात्रों को पढ़ाने के लिए अधिकृत किया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, संस्थान को अपना प्रमाणन जमा करने का नोटिस दिया गया है। विदेशी छात्र खासकर भारतीयों छात्रों को अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए अन्य यूनिवर्सिटी में प्रवेश का या फिर बिना किसी पूर्वाग्रह के भारत वापसी का विकल्प दिया गया है।
आईसीई होमलैंड सुरक्षा जांच के साथ विशेष प्रतिनिधियों ने तीन सर्च वारंट जारी किए हैं। जिन संस्थानों के लिए यह वारंट हैं उनमें दो इसेलिन और जर्सी सिटी में स्थित स्कूल परिसर के पास ही हैं।
ट्राई वैली विश्वविद्यालय मामले और नार्दर्न वर्जिनिया विश्वविद्यालय मामले में जहां मध्यस्थ या अप्रवासी कंपनियों को छोड़ दिया गया था, वहीं एएचटीआई मामले में न्यू जर्सी स्थित अप्रवासी कंपनी विजन कैरियर कंसल्टैंट्स इंक (वीसीसी) को भी वीजा जालसाजी मामले में अभियुक्त बनाया गया है और उसके अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय, न्यू जर्सी द्वारा पकड़े गए और अभियुक्त बनाए गए लोगों में से ज्यादातर के नाम भारतीय मूल के लोगों के नाम के जैसे हैं। इनमें धीरेंद्र कुमार पटेल, वनराज सिंह चावड़ा, मनामादुरई सोमलिंघम, हेमंतकुमार पटेल, मिशेल अल्फांसो, मौलिक गज्जर, टिफैनी थॉमस, यास्मीन रिवेरा, हेमलता क्रिस्टियन शामिल हैं जिन्हें आव्रजन और सीमा शुल्क, होमलैंड सिक्योरिटी जांच में अभियुक्त बनाया गया है।
इन सभी पर गैरकानूनी रूप से विदेशियों को छिपाने और जाली वीजा का उपयोग करने का आरोप लगाया गया है। सभी गिरफ्तार लोगों को अमेरिकी मजिस्ट्रेट जज पैटी श्वार्ट्ज के समक्ष न्यूयार्क संघीय अदालत में आज पेश किया गया।
पिछले साल ट्राई वैली विश्वविद्यालय में हुए ऐसे मामले पर नई दिल्ली की ‘तीक्ष्ण प्रतिक्रिया’ को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने कल छात्रों को अपनी पढ़ाई जारी रखने और देश वापसी का विकल्प दिया।
यह मामला ट्राई वैली विश्वविद्यालय के मामले से भिन्न है, जहां जालसाजी को लेकर छात्र गिरफ्तार किए गए थे और उन्हें रेडियो टैग लगा कर रखा गया था।
यहां न्यू जर्सी स्थित अमेरिकी स्वास्थ्य और तकनीक संस्थान (एएचटीआई) और विजन कैरियर कंसल्टैंट्स यूएसए इंक के अधिकारियों को पकड़ा गया है, जो भारतीय - विदेशी छात्रों को एएचटीआई में प्रवेश कराने में मदद करते थे।
पंद्रह साल पुराने एएचटीआई में करीब 200 विदेशी छात्र हैं। इनमें ज्यादातर छात्र भारतीय हैं। एएचटीआई से बातचीत का प्रयास करने पर कोई जवाब नहीं मिला। इसकी वेबसाइट के अनुसार, शिक्षा विभाग, न्यू जर्सी श्रम विभाग और वर्कफोर्स न्यू जर्सी से एएचटीआई को न्यू जर्सी में अपना संस्थान चलाने की इजाजत मिली है। एएचटीआई को अमेरिकी सरकार ने गैर अप्रवासी विदेशी छात्रों को पढ़ाने के लिए अधिकृत किया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, संस्थान को अपना प्रमाणन जमा करने का नोटिस दिया गया है। विदेशी छात्र खासकर भारतीयों छात्रों को अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए अन्य यूनिवर्सिटी में प्रवेश का या फिर बिना किसी पूर्वाग्रह के भारत वापसी का विकल्प दिया गया है।
आईसीई होमलैंड सुरक्षा जांच के साथ विशेष प्रतिनिधियों ने तीन सर्च वारंट जारी किए हैं। जिन संस्थानों के लिए यह वारंट हैं उनमें दो इसेलिन और जर्सी सिटी में स्थित स्कूल परिसर के पास ही हैं।
ट्राई वैली विश्वविद्यालय मामले और नार्दर्न वर्जिनिया विश्वविद्यालय मामले में जहां मध्यस्थ या अप्रवासी कंपनियों को छोड़ दिया गया था, वहीं एएचटीआई मामले में न्यू जर्सी स्थित अप्रवासी कंपनी विजन कैरियर कंसल्टैंट्स इंक (वीसीसी) को भी वीजा जालसाजी मामले में अभियुक्त बनाया गया है और उसके अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय, न्यू जर्सी द्वारा पकड़े गए और अभियुक्त बनाए गए लोगों में से ज्यादातर के नाम भारतीय मूल के लोगों के नाम के जैसे हैं। इनमें धीरेंद्र कुमार पटेल, वनराज सिंह चावड़ा, मनामादुरई सोमलिंघम, हेमंतकुमार पटेल, मिशेल अल्फांसो, मौलिक गज्जर, टिफैनी थॉमस, यास्मीन रिवेरा, हेमलता क्रिस्टियन शामिल हैं जिन्हें आव्रजन और सीमा शुल्क, होमलैंड सिक्योरिटी जांच में अभियुक्त बनाया गया है।
इन सभी पर गैरकानूनी रूप से विदेशियों को छिपाने और जाली वीजा का उपयोग करने का आरोप लगाया गया है। सभी गिरफ्तार लोगों को अमेरिकी मजिस्ट्रेट जज पैटी श्वार्ट्ज के समक्ष न्यूयार्क संघीय अदालत में आज पेश किया गया।
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