वॉशिंगटन:
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार की दौड़ में सबसे आगे हिलेरी क्लिंटन हैं लेकिन उनका एक वीडियो सामने आया है जिससे उनकी बात बिगड़ सकती है। इस वायरल वीडियो में 'लगातार 13 मिनट' तक हिलेरी को अलग अलग मुद्दों पर अपना पक्ष बदलते देखा जा सकता है और अभी तक इसे 70 लाख बार देखा जा चुका है। दरअसल वीडियो में क्लिंटन द्वारा अलग अलग वक्त में विभिन्न मुद्दों पर दिए गए बयानों को एक कड़ी के रूप में दिखाया गया है जिसमें कभी वह विषय के पक्ष में है तो कभी विपक्ष में बोलती दिखाई दे रही हैं। फिर वह समलैंगिक विवाह का मुद्दा हो या वॉल स्ट्रीट या नाफ्टा समझौता या फिर उनके निजी ईमेल सर्वर का विषय हो, इन सभी बातों पर अलग अलग वक्त पर उनकी राय जुदा दिखाई दे रही है।
हालांकि जिस यूट्यूब यूज़र ने इस वीडियो को पोस्ट किया है उसने साफ कर दिया है कि यह ट्रम्प के 'पक्ष' में बनाया गया वीडियो नहीं है और अगली बारी रिपब्लिकन पार्टी के इस उम्मीदवार की भी हो सकती है। इस वीडियो का शीर्षक 'हिलेरी क्लिंटन लगातार 13 मिनट तक झूठ बोल रही हैं' रखा गया है।
'कभी इधर तो कभी उधर'
मसलन 2004 और 2010 में क्लिंटन समलैंगिक शादी से ज्यादा पारंपरिक विवाह का पक्ष लेती नज़र आ रही हैं। वहीं 2013 में वह इस मुद्दे का समर्थन कर रही हैं और 2014 में तो वह एक रेडियो शो की प्रस्तुतकर्ता पर उनके 'शब्दों के साथ हेरफेर' करने का आरोप भी लगा रही हैं। यही नहीं वीडियो में दिखाया गया है कि एक मौके पर जब उनसे पूछा गया कि वह प्रगतिशील हैं या नियंत्रित खेमे की हैं तो उन्होंने कहा की वह खुद को नियंत्रित खेमे की मानती रही हैं और इसके लिए वह कसूरवार हैं। वहीं दूसरी क्लिप में वह खुद को प्रगतिशील बता रही हैं। वीडियो में क्लिंटन के पिछले 20 साल के अलग अलग क्लिपों को दिखाया गया है जिसमें पूर्व चुनावी अभियानों से जुड़े कुछ चर्चित विवाद भी शामिल हैं।
ऐसा ही एक विवाद 2008 का है जब उन्होंने दावा किया था कि 1996 में बतौर फर्स्ट लेडी (राष्ट्रपति की पत्नी) जब वह बोस्निया के हवाई अड्डे पर उतरी थीं तो वह और उनकी बेटी बंदूकधारियों की गोलियों से बचते बचाते बाहर निकली थीं। क्लिंटन ने अपना यह दावा तत्कालीन सिनेटर बराक ओबामा की विदेशी नीति के विरोध में रखा था। हालांकि जब क्लिंटन की उस यात्रा का वीडियो सामने आया तो पता लगा कि उनका स्वागत गोलियों से नहीं बल्कि सेना के अधिकारियों और बच्चों द्वारा किया गया था। बात में क्लिंटन इन दावों से पीछे हटती दिखीं और उन्होंने कहा कि वह चुनावी अभियान करते हुए इतना थक गईं थीं कि 'गलती' से ऐसा कह गई थीं।
हालांकि जिस यूट्यूब यूज़र ने इस वीडियो को पोस्ट किया है उसने साफ कर दिया है कि यह ट्रम्प के 'पक्ष' में बनाया गया वीडियो नहीं है और अगली बारी रिपब्लिकन पार्टी के इस उम्मीदवार की भी हो सकती है। इस वीडियो का शीर्षक 'हिलेरी क्लिंटन लगातार 13 मिनट तक झूठ बोल रही हैं' रखा गया है।
'कभी इधर तो कभी उधर'
मसलन 2004 और 2010 में क्लिंटन समलैंगिक शादी से ज्यादा पारंपरिक विवाह का पक्ष लेती नज़र आ रही हैं। वहीं 2013 में वह इस मुद्दे का समर्थन कर रही हैं और 2014 में तो वह एक रेडियो शो की प्रस्तुतकर्ता पर उनके 'शब्दों के साथ हेरफेर' करने का आरोप भी लगा रही हैं। यही नहीं वीडियो में दिखाया गया है कि एक मौके पर जब उनसे पूछा गया कि वह प्रगतिशील हैं या नियंत्रित खेमे की हैं तो उन्होंने कहा की वह खुद को नियंत्रित खेमे की मानती रही हैं और इसके लिए वह कसूरवार हैं। वहीं दूसरी क्लिप में वह खुद को प्रगतिशील बता रही हैं। वीडियो में क्लिंटन के पिछले 20 साल के अलग अलग क्लिपों को दिखाया गया है जिसमें पूर्व चुनावी अभियानों से जुड़े कुछ चर्चित विवाद भी शामिल हैं।
ऐसा ही एक विवाद 2008 का है जब उन्होंने दावा किया था कि 1996 में बतौर फर्स्ट लेडी (राष्ट्रपति की पत्नी) जब वह बोस्निया के हवाई अड्डे पर उतरी थीं तो वह और उनकी बेटी बंदूकधारियों की गोलियों से बचते बचाते बाहर निकली थीं। क्लिंटन ने अपना यह दावा तत्कालीन सिनेटर बराक ओबामा की विदेशी नीति के विरोध में रखा था। हालांकि जब क्लिंटन की उस यात्रा का वीडियो सामने आया तो पता लगा कि उनका स्वागत गोलियों से नहीं बल्कि सेना के अधिकारियों और बच्चों द्वारा किया गया था। बात में क्लिंटन इन दावों से पीछे हटती दिखीं और उन्होंने कहा कि वह चुनावी अभियान करते हुए इतना थक गईं थीं कि 'गलती' से ऐसा कह गई थीं।
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