Video : US में सड़कों पर Modi, Yogi की तस्वीर वाले बुलडोज़र ने की परेड, आयोजक को मांगनी पड़ी माफी

अमेरिका (US) में हाल ही में हुई एक परेड (Pared) में प्रधानमंत्री मोदी (Modi) और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी (Yogi) आदित्यनाथ की तस्वीर लगे बुलडोज़र (Bulldozer) को शामिल किया था. कुछ भारतीय प्रवासी अमेरिकी सड़कों पर इस बुलडोजर देख कर भड़क उठे.

ब्रिटेन (UK) के लेंसिस्टर से अमेरिका (US) के न्यूजर्सी तक हिंदु-मुस्लिम (Hindu-Muslim) समुदाय ने हाल ही में एक दूसरे के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन किए हैं. इन प्रदर्शनों में एक दूसरे को धमकियां दी गईं, यहां तक कि झड़पें और तोड़-फोड़ की घटनाएं भी सामने आई हैं. अमेरिका के न्यूजर्सी में हाल ही में हुई एक परेड में प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की तस्वीर लगे बुलडोज़र को शामिल किया था. इसके कारण नागिरक अधिकार समूह इसका विरोध कर रहे हैं. इस परेड के आयोजनकर्ता  इंडियन बिज़नेस एसोसिएशन के अध्यक्ष को भारतीय-अमेरिकी अल्पसंख्यक समूह, और देश और दुनिया के खासकर मुस्लिमों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के चलते माफी मांगनी पड़ी. उन्होंने कहा, "किसी परेड में कभी बांटने वाले चिन्हों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए."

भारत में बुलडोज़र विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ होने वाली कार्रवाई का प्रतीक बन गए हैं. इनमें मुस्लिम नागिरकों के कुछ हाई-प्रोफाइल मामले भी शामिल हैं.  

कुछ भारतीय प्रवासी अमेरिकी सड़कों पर बुलडोजर देख कर भड़क उठे. उन्होंने इसे सभी को अपनाने वाले देश के सिद्धांतों के लिए खतरा बताया.  लेकिन विदेश मंत्री डॉ जयशंकर ने इसे पक्षपातपूर्ण कवरेज बताते हुए अमेरिकी मीडिया को आड़े हाथ लिया.    

उन्होंने रविवार को हुई भारतीय-अमेरिकी समुदाय की बैठक में तालियों के बीच  कहा कि, "मैं मीडिया को देख रहा हूं, कुछ अखबारों के बारे में आप जानते हैं कि वो क्या लिखेंगे. उनमें से एक इसी शहर का ही है."

इसके बाद विदेश मंत्री ने आगे कहा, "मुझे लगता है कि तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है. क्या गलत है, क्या सही है इसे लेकर भ्रम है. राजनीति ऐसे ही काम करती है."

ब्रिटेन ने लेंसिस्टर में कई दशकों से हिंदु और मुस्लिम समुदाय एक साथ रहते आए हैं लेकिन अब इनके बीच तनाव बढ़ रहा है. हाल ही में मास्क लगाए करीब 300 युवाओं (कथित तौर पर हिंदु युवाओं ने) ने मुस्लिम बहुल क्षेत्र में मार्च निकाला और नारेबाज़ी की. खबरों के अनुसार, भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट प्रेमियों के बीच हुई झड़पें धीरे-धीरे सांप्रदायिक हिंसा में बदल गईं.  

इस मार्च का पीछा करते हुए कथित तौर पर मुस्लिम पुरुषों का एक समूह बेलग्रेव रोड तक आ गया जो एक हिंदु बहुल इलाका है और यहां हिंसा हुई. इसमें एक मंदिर के बाहर का झंडा फाड़ा गया और एक और जलाया गया.  

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जबकि स्थानीय सांसदों ने मंत्रियों से अपील की थी कि मंत्रियों को चरमपंथी दक्षिणपंथी विचारधारा पर लगाम लगाने की ज़रूरत है, कुछ निवासियों का मानना है कि भारत के कुछ प्रवासी समुदाय में सही से शामिल नहीं हो पाए हैं. लेकिन ब्रिटिश साउथ एशियन समुदाय के एक हिस्से में यह नई हिंसा चेतावनी देती है.