अमेरिका ने सोशल मीडिया पर दिख रहे उस वीडियो को फर्जी, खतरनाक और उकसाने वाला करार दिया है, जिसमें भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी के बाद कथित तौर पर कपड़े उतरवाकर ली गई उनकी तलाशी का सीसीटीवी फुटेज होने की बात कही जा रही है।
अमेरिकी विदेश विभाग की उप-प्रवक्ता मैरी हर्फ ने कहा, इस वीडियो में खोबरागड़े की फुटेज नहीं है। हम इसे खतरनाक और उकसाने वाली जालसाजी कहेंगे। वर्ष 1999 बैच की आईएफएस अधिकारी और न्यूयॉर्क में भारत की उप महावाणिज्य दूत देवयानी खोबरागड़े को अपनी नौकरानी संगीता रिचर्ड के वीजा आवेदन में गलत जानकारी देने के आरोपों में किया गया था। उन्हें 250,000 डॉलर के मुचलके पर रिहा किया गया था।
देवयानी (39) की कपड़े उतरवाकर तलाशी ली गई थी और उन्हें अपराधियों के साथ बंद रखा गया था। इस घटना से भारत और अमेरिका के बीच राजनयिक विवाद पैदा हो गया था। भारत ने जवाबी कार्रवाई में पिछले महीने अमेरिकी राजनयिकों के विशेषाधिकारों को कम करते हुए कई कदम उठाए थे।
इस वीडियो में अमेरिका के विधि प्रवर्तन अधिकारियों को हिरासत में एक महिला के कपड़े उतरवाकर तलाशी लेते हुए दिखाया गया है। महिला अपनी तलाशी के दौरान चिल्ला रही है।
हर्फ ने कहा कि वीडियो की प्रमाणिकता को जांचे बगैर इसे कुछ न्यूज वेबसाइटों पर डाला गया है। यह वीडियो गलत है। यह परेशान करने वाली, गैर-जिम्मेदाराना हरकत है और वह इसकी निंदा करती हैं। यह जालसाजी है। उन्होंने कहा, मैं यह बात स्पष्ट करना चाहती हूं कि यह वीडियो उनका (खोबरागड़े) का नहीं है।
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